- पूर्वजों की परंपरा और धरोहर को बचाकर रखना है- सोमा उरांव
Ranchi : कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीय गुरुवार को सोहराय जतरा पूजा समिति, बोड़ेया अरसंडे कांके की ओर से बोड़ेया चौक में सोहराय जतरा का आयोजन किया. इस अवसर पर पारंपरिक नगाड़ों, मांदर और गीतों की ध्वनि से गूंज से जतरा परिसर गूंज उठा.
ग्राम देवता की पूजा के साथ जतरा की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत मौजा बोड़ेया के विश्वकर्मा पाहन और अरसंडे मौजा के बहादुर पाहन एवं उनकी पूजा मंडलियों द्वारा की गई. दोनों पहानों ने पारंपरिक वेशभूषा में गौरैया देवता (ग्राम देवता) और मारंग बुरू की पूजा -र्चना की. रूढ़ि प्रथा के अनुसार रंगवा मुर्गा की बलि दी गई और गांव व राज्य की सुख-समृद्धि की कामना की गई.
खोड़हा मंडलियों ने बांधा समां
शाम 4 बजे से पहानों के नेतृत्व में खोड़हा मंडलियां जतरा स्थल पर पारंपरिक वेशभूषा और लोक नृत्य और गीतों के साथ जतरा स्थल में प्रवेश किए. जतरा स्थल में सैकड़ों खोड़हा मंडलियों ने अपने पारंपरिक वेश-भूषा और वाद्ययंत्र बजाकर झुमर निरतय किए. लापुंग और बेड़ों से आई नृत्य मंडलियों ने अपने शानदार लोक गीत और संगीत से दर्शकों का दिल जीत लिया.
इस मौके पर मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता निशा भगत, विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय सरना समिति के फूलचंद तिर्की, जिला परिषद सदस्य किरण देवी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जय मंगल उरांव सहित कई सामाजिक अगुआ उपस्थित रहे.
पूर्वजों की धरोहर को सहेजने का लिया संकल्प
कार्यक्रम के दौरान पंचायत के मुखिया सोमा उरांव, जो झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष भी हैं, ने सोहराय जतरा के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि पूर्वजों की परंपरा और धरोहर को बचाकर रखना है.
इस मौके पर अध्यक्ष अमर तिर्की, उपाध्यक्ष अनिल, उरांव, सचिव डॉ प्रकाश उरांव, उप सचिव: रतन उरांव, कोषाध्यक्ष नितेश पाहन, उप कोषाध्यक्ष अमित टोप्पो, विश्वकर्मा पाहन, बहादुर पाहन, झरी उरांव, सुमेश उरांव, बुधवा उरांव, रवि बिन्हा, रोशन टोप्पो, विशाल टोप्पो, बंटी पाहन, आनंद टोप्पो, राकेश लिंडा, अजीत लकड़ा समेत अन्य शामिल थे.



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