Satya Sharan Mishra
Ranch: कांटाटोली फ्लाईओवर का फिर से निर्माण कार्य शुरू हुए 5 महीने पूरा हो चुका है. टेंडर लेने वाली अहमदाबाद की दिनेश अग्रवाल एंड संस कंपनी को 2 साल में काम को कंप्लीट करना है. 5 महीने बीतने के बाद भी अबतक शिफ्टिंग का काम ही शुरू नहीं हो पाया है. फ्लाईओवर की लंबाई बढ़ने के कारण करीब 2 एकड़ जमीन का फिर से अधिग्रहण किया जाना है, लेकिन अबतक जमीन का वैल्युएशन ही नहीं हुआ है. वैल्युएशन होने के बाद ही रैयतों को मुआवजा मिलेगा और जमीन खाली होगी. फ्लाईओवर का बजट 225 करोड़ रुपये है. इसमें से 199 करोड़ रुपये से फ्लाईओवर बनेगा और बाकी बचे 26 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण में खर्च किये जाने हैं.
इसे भी पढ़ें-जमशेदपुर: दहेज प्रताड़ना में आरआइटी के प्रोफेसर को कोर्ट ने किया बरी
बिजली विभाग को हटाना है पोल
वहीं फ्लाईओवर बनाने के लिए बिजली के पोल भी हटाये जाने हैं. बिशप स्कूल से बहू बाजार तक के बिजली के पोल हटाने के लिए जुडको की ओर से बिजली विभाग को उपलब्ध करा दिया गया है, लेकिन अबतक बिजली विभाग ने पोलों की शिफ्टिंग शुरू नहीं की है. 120 पेड़ों को भी हटाया जाना है. वन एवं पर्यावरण विभाग ने इस दिशा में काम शुरू नहीं किया है. कंपनी फिलहाल ओवरब्रिज के खंभे बनाने का काम कर रही है. 40 पाइलिंग का काम हो चुका है.
40 करोड़ का प्रोजेक्ट 225 करोड़ का हो गया
कांटाटोली फ्लाईओवर राजधानी वासियों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है. न यह कंप्लीट हो रहा है और न ही प्रोजेक्ट रद्द हो रहा है. अटक-अटक कर लटक-लटक कर काम चल रहा है. 2018 से फ्लाईओवर का निर्माण शुरू होने के बाद से कांटाटोली होकर गुजरने वाले लोगों को हर दिन जाम में फंसना पड़ रहा है. फ्लाइओवर निर्माण की योजना 2016 में बनी थी। 2017 में इसका काम आवंटित किया गया था. भू-अर्जन पूरा होने के बाद जून 2018 से काम शुरू किया गया था. जून 2020 तक कांटाटोली फ्लाइओवर बन कर तैयार हो जाना चाहिए था, लेकिन फिर काम बंद हो गया. जब फ्लाईओवर निर्माण की योजना बनी तब बजट 40 करोड़ था, फिर 84 करोड़ पहुंचा. उसके बाद 187 करोड़ रुपये हो गया. अब इसका बजट 225 करोड़ रुपये हो गया है.
इसे भी पढ़ें-धनबाद: झूमते-गाते पद यात्रा करते हुए श्याम बाबा को अर्पण किया 103 निसान
1250 मीटर के फ्लाईओवर की लंबाई 2240 मीटर हो गई
पहले फ्लाईओवर की लंबाई 1250 मीटर थी,लेकिन हेमंत सरकार ने इसकी की लंबाई बढ़ाते हुए 2240 मीटर कर दी है. फ्लाईओवर के लिए पहले 4.70 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन अब लंबाई बढ़ने से करीब 2 एकड़ अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण होगा. इसमें सरकारी और रैयती जमीन शामिल है. कंपनी फ्लाईओवर का काम जल्द से जल्द निपटाना चाहती है, लेकिन जमीन अधिग्रहण और शिफ्टिंग जैसी प्रक्रियाओं के देर होने से उसकी परेशानी बढ़ गई है. अगर जल्द ही सारी प्रक्रियाएं पूरी नहीं हुई तो शायद यह कंपनी भी तय समय पर कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण पूरा कर पाएगी.