- 12 जगह बन रहे एमआरएफ सेंटर, मशीनों से होगी कचरे की ऑटोमेटिक छंटाई
Ranchi : राजधानी अब जीरो वेस्ट सिटी बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. रांची नगर निगम शहर के कचरे को वैज्ञानिक तरीके से संभालने के लिए राज्य का पहला मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर बना रहा है. यह सेंटर हाईटेक मशीनों से लैस होंगे, जो अपने आप सूखे और गीले कचरे को अलग कर देंगे.
अब तक शहर का सारा कचरा बिना छंटाई के सीधे डंपिंग यार्ड तक पहुंचता था, जिससे गंदगी और बदबू की समस्या रहती थी. नई व्यवस्था में हर वार्ड से कचरा पहले एमआरएफ सेंटर भेजा जाएगा. वहां प्लास्टिक, कागज, धातु, कांच और गीले कचरे को अलग-अलग किया जाएगा.सूखा कचरा रीसाइक्लिंग एजेंसियों को दिया जाएगा, जबकि गीला कचरा गेल इंडिया लिमिटेड के गैस प्लांट में बायोगैस और कंपोस्ट बनाने के काम आएगा.
रांची में ऐसे 12 आधुनिक एमआरएफ सेंटर बनाए जा रहे हैं. इससे शहर का कचरा व्यवस्थित रूप से इकट्ठा, छांटा और दोबारा उपयोग किया जा सकेगा. नगर निगम का लक्ष्य है कि अगले 6 महीनों में रांची को “जीरो वेस्ट सिटी” बनाया जाए.नगर निगम ने लोगों से अपील की है कि वे घर-घर कचरा संग्रहण के दौरान गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखें, ताकि सिस्टम बेहतर तरीके से काम कर सके.
हालांकि कुछ जगहों पर इसका विरोध भी हो रहा है. आईटीआई परिसर में बन रहे एमआरएफ सेंटर के खिलाफ स्थानीय लोग और राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ भी विरोध जता चुके हैं. लोगों का कहना है कि यह सेंटर घनी आबादी वाले इलाके में बनाया जा रहा है, जिससे आसपास गंदगी और परेशानी बढ़ेगी. मधुकम में भी लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
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