Medininagar : रांची-वाराणसी नेशनल हाईवे (फोरलेन) का निर्माण करीब 8,000 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाना है. रांची-वाराणसी नेशनल हाईवे पहले एनएच 75 के नाम से जाना जाता था, अब इसका नाम बदलकर नेशनल हाईवे 39 हो गया है. नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य छह चरणों में किया जाना है. पहले चरण का निर्माण कार्य रांची से कुरु तक पूरा हो गया है. दूसरे चरण में पलामू जिले के शंखा से गढ़वा के खजूरी तक का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है. यहां एनएच- 39 को गढ़वा बाइपास के नाम से भी जाना जाता है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तीन जुलाई को इसका उद्घाटन करेंगे.
यह जानकारी पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. सांसद ने बताया कि गढ़वा बाइपास का निर्माण पूरा होने से लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी. केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गई है. केंद्रीय मंत्री गढ़वा में कार्यक्रम के दौरान कई घोषणाएं करेंगे.
सांसद ने बताया कि रांची-वाराणसी नेशनल हाईवे का कॉरिडोर छह चरणों में पूरा किया जाना है. पहले चरण में रांची से कुरु तक का कार्य पूरा हो गया है. दूसरे चरण में पलामू के शंखा से गढ़वा के खजूरी तक का निर्माण कार्य 1129.28 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है. तीसरे चरण में खजूरी से यूपी के विंढमगंज तक का कार्य 15 सितंबर तक किया जाना है, जिसकी लागत 1436.49 करोड़ रुपए है. वहीं, चौथे चरण में भोगु से शंखा तक का निर्माण कार्य 9 नवंबर तक किया जाना है, जिसकी लागत 1517.87 करोड़ रुपए है. पांचवें चरण का निर्माण कार्य उदयपुर से भोगु तक 9 अक्टूबर 2026 तक 1436.80 करोड़ की लागत से किया जाना है. जबकि छठे चरण का निर्माण कार्य कुरु से उदयपुरा तक 1274 करोड़ रुपए की लागत से किया जाना है. जिसका निर्माण कार्य सितंबर 2025 से शुरू किया जाएगा.