Angada (Ranchi): रांची से करीब 30 किमी दूर गेतलसूद डैम का पानी प्रदूषित हो चुका है. प्रदूषित पानी से डैम की मछलियां बीमारी से मरने लगी हैं. जानकारी के अनुसार, अबतक 10 लाख से ज्यादा मछलियां मृत पाई गयी हैं. मृत मछलियों से उठने वाली दुर्गंध से ग्रामीणों को सांस लेना दूभर हो रहा है. संदेह की सुई डैम के करीब औद्योगिक इकाइयों पर जा रही है. आशंका जतायी जा रही है कि आसपास के उद्योग में से किसी ने डैम में अनुपचारित अपशिष्ट छोड़ दिया है.
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कप फुटबॉल : दामोदर और शंख टीम के बीच रविवार को खिताबी मुकाबला मत्स्य जीवी सहयोग समिति के सचिव भोला महतो ने कहा कि बीते कई वर्षों से समिति द्वारा लोन लेकर केज में मछलियां पाली जा रही हैं. शनिवार की सुबह लगभग 10 से 12 लाख बड़ी और छोटी मछलियां मृत पायी गईं. इसमें हमें लाखों का नुकसान हुआ है. इधर, सूचना मिलने पर भाजपा एससी मोर्चा के जिला महामंत्री संजय नायक व गेतलसूद के उप मुखिया शंकर बैठा ने मत्स्य जीवी सहयोग समिति के सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया. संजय नायक ने कहा कि वे जल्द ही मत्स्य विभाग से बात कर पीड़ितों को मुआवजा दिलाने का प्रयास करेंगे.
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: सैनिक स्कूल में हीरक जयंती मनी, राज्यपाल ने शहीद जवान की पत्नियों को सम्मानित किया पांच हजार लोगों की आजीविका का एक मात्र स्त्रोत मछली पालन
मत्स्य जीवी सहयोग समिति में लगभग 100 मछुआरे सदस्य हैं. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग पांच हजार लोग अपनी आजीविका के एकमात्र स्त्रोत के रूप में गेतलसूद में मछली पकड़ने पर निर्भर हैं. यहां बहुत कम परिवारों के पास जमीन है. ज्यादातर लोग मछली पकड़ते हैं. अगर डैम का पानी प्रदूषित हो जाता है और मछलियां मर जाती हैं, तो इनके परिवार भूखे रह जाते हैं. जल प्रदूषण सीधे इनके पेट पर असर करता है. [wpse_comments_template]
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