Ranchi : विश्व ओआरएस दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है. इसी के तहत द हंस फाउण्डेशन के मोबाइल मेडिकल एंबुलेंस यूनिट टीम ने रांची के हर प्रखंड के चयनित गांव में जाकर विश्व ओआरएस दिवस मनाया. इस अवसर पर सदस्यों को संबोधित करते हुए संस्था के रीजनल प्रोग्राम मैनेजर सुबीर कुमार दास ने बताया कि दुनियाभर में विकासशील देशों में डायरिया एवं उल्टी की समस्या नवजात शिशुओं और बच्चों की जान के लिए बड़ा खतरा है. ये समस्या शुरु में भले ही सामान्य हो लेकिन ध्यान नहीं देने पर घातक एवं जानलेवा हो सकती है. ओआरएस घोल इस संदर्भ में बहुत ही उपयोगी निदान है इसलिए हम सभी हर साल जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार के लिए हर वर्ष आज के ही दिन मनाते है.
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शरीर को आवश्यक ऊर्जा देता है ORS
ORS अर्थात ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन घोल एक सम्पूर्ण थेरेपी है जो शरीर में हुए पानी एवं खनिज की कमी को पूरा करता है और शरीर को आवश्यक ऊर्जा देता है. संस्था के टीम मेंबर्स यूनिट द्वारा 28th जुलाई को विश्व हेपेटाइसिस दिवस के अवसर पर भी गांव में समुदाय के बीच जाकर जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया था. इस दौरान संस्था के कार्यक्रम प्रबंधक रामराज सिंह, वरिष्ठ कार्यक्रम समन्वयक अनिल कुमार , कार्यक्रम समन्वयक आनंद शंकर एवं सुभाशीष चक्रवर्ती, डॉक्टर मल्लिक, डॉक्टर वाई के सिन्हा, डॉक्टर पीपी सिन्हा, डॉक्टर अजय, डॉक्टर अनिरुद्ध, डॉक्टर प्रियंका, डॉक्टर रोहन, डॉक्टर अभिनंदा, डॉक्टर स्नेहा, डॉक्टर सुलतान के साथ साथ सभी फार्मेसिस्ट, लैब टेक्निशन, नर्सेस इस आयोजन में शामिल हुए.
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