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रांची का रिम्स खुद बीमार, ना इलाज ठीक से, ना ही सफाई

Ranchi: राजधानी में स्थित राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) इन दिनों सिर्फ बीमारियों का इलाज नहीं कर रहा, बल्कि खुद भी बीमार हालात में है और लोगों को बीमारी बांट रहा है. इलाज के नाम पर यहां मरीजों को सिर्फ इंतजार, बदहाली और लापरवाही मिल रही है. हालात ऐसे हैं कि इलाज करना आए मरीज को इलाज मिले ना मिले मगर कई बीमारी जरूर मिल जाएगी.

 

 

 

इलाज के बिना गई मासूम की जान : सबसे पहले बात उस चार दिन के बिरहोर मासूम की, जिसे जमशेदपुर से RIMS रेफर किया गया था, लेकिन यहां इलाज की व्यवस्था नहीं मिली. इलाज के अभाव में नवजात की मौत हो गई. अधिकारी बोले कि मोक्ष वाहन दे दिया गया - क्या गरीब बिरहोर परिवार RIMS सिर्फ नवजात का ले जाने आया था

 

 

मंत्री जी को चिंता बस मीडिया की : नवजात बिरहोर की दर्दनाक मौत पर न मंत्री जी कुछ बोले, न कोई कार्रवाई दिखी. लेकिन उन्हें सबसे ज़्यादा चिंता इस बात की है कि कोई पत्रकार RIMS में घुसकर सच्चाई न दिखा दे. क्या मीडिया की एंट्री रोकना इलाज से ज्यादा ज़रूरी है

 

 

 अब RIMS बना बीमारी फैलाने वाला अस्पताल : इलाज की कमी तो पहले से थी, अब RIMS खुद बीमारियों का अड्डा बनता जा रहा है. पूरे अस्पताल परिसर में सीवरेज का गंदा पानी और नालों का जाम भयंकर जलभराव का कारण बन चुका है.

 

पेइंग वार्ड, मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक, कैदी वार्ड, सुपर स्पेशलिटी और पुरानी बिल्डिंग तक पानी में डूबी है. मरीज, उनके परिजन, डॉक्टर और कर्मचारी सभी नाक पर रूमाल रखकर चलने को मजबूर हैं.

 

डेंगू-मलेरिया का खतरा मंडराया : जलजमाव और बदबू की वजह से अब RIMS में इलाज कराने आए लोग खुद मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों के शिकार बनने लगे हैं. अस्पताल के अंदर ही संक्रमण का डर बढ़ गया है और प्रशासन की लापरवाही साफ दिख रही है.

 

 

 वादे बहुत हुए, हालात वहीं के वहीं : हर बार कहा जाता है कि RIMS में सुधार होगा, सुविधाएं मिलेंगी. लेकिन सच ये है कि RIMS में ना बेड मिलते हैं, ना दवा ही मिल पाता है. सफाई के नाम पर जो व्यवस्था है, वो सबके सामने है. मंत्री जी ने अभी तक कोई आदेश नहीं दिया है.