Ranchi: हजारीबाग वन प्रमंडल में अवैध खनन, भ्रष्टाचार और पद दुरुपयोग के गंभीर आरोपों ने बड़ा मोड़ ले लिया है. 156 हेक्टेयर में अवैध खनन और CID की रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि के बावजूद कार्रवाई नहीं होने की शिकायत पर केंद्र सरकार ने झारखंड के मुख्य वन सचिव को जांच कर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
शिकायत में कहा गया था कि हजारीबाग परिक्षेत्र के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (RCCF) रवींद्र नाथ मिश्रा को विभागीय स्तर पर न केवल संरक्षण दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें प्रोत्साहन भी मिल रहा है, जबकि उनके खिलाफ गंभीर तथ्य सामने आ चुके हैं. इसी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए भारत सरकार के सहायक वन निरीक्षक सुनीत भारद्वाज ने राज्य को निर्देश जारी किया है.
CID रिपोर्ट में अवैध खनन और फर्जीवाड़े की पुष्टि
अपराध अनुसंधान विभाग (CID) ने अपनी जांच में पुष्टि की है कि 156 हेक्टेयर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध खनन और अतिक्रमण हुआ. आरसीसीएफ रवींद्र नाथ मिश्रा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रयोक्ता अभिकरण NTPC और उसके MDO त्रिवेणी-सैनिक माइनिंग कंपनी के लिए फर्जी रिपोर्ट तैयार की.
मिश्रा ने सरकारी नियमों और शर्तों को गलत तरीके से बताकर कर दोषियों को बचाने का प्रयास किया. दुमुहानी नाला, जिसे विभागीय रिपोर्ट में 20-30 मीटर चौड़ा बताया गया था, उसे अवैध खनन कर सिर्फ 4-5 मीटर कर दिया गया, इसके मूल स्वरूप का नष्ट होना तय है. CID ने यह भी खुलासा किया कि कंपनी के AGM अरविंद देव ने शिकायतकर्ता को समझौता कराने के लिए तीसरे व्यक्ति के माध्यम से दबाव बनाया.
गृह विभाग कार्रवाई चाहता है, वन विभाग एक साल से चुप
CID ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए गृह विभाग से अनुमति मांगी थी. गृह विभाग ने वन विभाग से मंतव्य मांगा, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी वन विभाग ने सरकार को कोई जवाब नहीं दिया. पूर्व PCCF द्वारा मिश्रा के पक्ष में भेजी गई, रिपोर्ट पर उठाई गई आपत्तियों का उत्तर तक नहीं दिया गया.
ACF द्वारा भी RCCF पर गंभीर आरोप
इसी दौर में वन विभाग के एक ACF ने भी मिश्रा पर गलत रिपोर्ट तैयार करने और एकतरफा कार्रवाई का गंभीर आरोप लगाया, जिससे पूरा मामला और विवादित हो गया है.
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