New Delhi : सोमवार को दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट मामले में दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. प्राथमिकी में इसे बम विस्फोट करार दिया गया है. कार बम विस्फोट में 10 लोगों की मौत हो गयी थी.
MHA has issued orders for handing over investigation of car blast case to NIA. NIA which was associated with the local police since yesterday has started the process of formally taking over the case. pic.twitter.com/umbwuOD6Em
— Press Trust of India (@PTI_News) November 11, 2025
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
उत्तरी जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्राथमिकी यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत दर्ज की गयी है, जो आतंकवादी हमले के लिए सजा और साजिश से संबंधित है. साथ ही विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत धारा तीन जीवन को खतरे में डालने वाले विस्फोट के लिए,और धारा चार विस्फोट करने के प्रयास के लिए जोड़ी गयी हैं.
प्राथमिकी में हत्या के लिए धारा 103(1), हत्या के प्रयास के लिए धारा 109(1) और वरिष्ठ अधिकारी पर हमले के लिए उकसाने के लिए धारा 161(2) शामिल की गयी है. अधिकारियों ने कहा कि लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धीमी गति से गुजर रही एक कार में सोमवार शाम भारी विस्फोट हुआ, जिससे कम से कम 10 लोगों की मौत हो गयी. कई अन्य वाहनों के परखच्चे उड़ गये.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली पुलिस की शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि कि धमाके से पहले 3 घंटे तक कार पर सवार डॉ. मोहम्मद उमर नबी मेट्रो की पार्किंग में बैठा हुआ था. पार्किंग CCTV से इसका खुलासा हुआ है.
एनसीआर के फरीदाबाद स्थित फतेहपुर टैगा इलाके से लगभग 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट की बरामदगी को लेकर कहा गया है कि यह (अमोनियम नाइट्रेट) एक तरह का सफेद पाउडर जैसा दिखने वाला केमिकल होता है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर खेती के लिए खाद बनाने में होता है.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार जब यह केमिकल आतंकियों के पास चला जाये तो इसे खतरनाक विस्फोटक में बदला जा सकता है. अमोनियम नाइट्रेट के साथ डेटोनेटर, बैटरी और टाइमर जोड़कर घातक बम बनाया जाता है. अधिकारियों ने कहा कि यह तरीका कुकर बम या लोकल IED बनाने में भी अपनाया जाता है.
पुलिस का कहना है कि लोकल टेररिस्ट मॉड्यूल अक्सर अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि यह आसानी से हासिल हो होता है. यह खाद के रूप पर खुलेआम मिलता है. ज्यादा महंगा भी नहीं है. पुलिस ने कहा, सही मिक्सिंग और टाइमिंग के साथ इस केमिकल से बहुत बड़ा धमाका किया जा सकता है.
जांच एजेंसियां इस बात पर फोकस कर रही हैं कि इस आतंकी मॉड्यूल ने इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक कैसे हासिल किया. इसमें अमोनियम नाइट्रेट भी शामिल है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार धमाके में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था.
जांच टीमें अंतर-राज्यीय आतंकी मॉड्यूल के रसद और खरीद नेटवर्क का पता लगाने की कवायद में जुट गयी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच से यह सामने आ रहा है कि बम धमाके में संभवत: अमोनियम नाइट्रेट, तेल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया है.
अहम बात यह है कि लाल किला के पास कार बम धमाका फरीदाबाद में 2,900 किलो विस्फोटक जब्त करने के कुछ घंटों बाद हुआ. जबकि एजेंसियों ने धमाके से पूर्व जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का खुलासा कर दिया था.
खबर है कि आज मंगलवार शाम तक विस्फोट वाली जगह से फोरेंसिक टीम ने 42 सबूत जुटाये हैं. सबूतों में i20 कार (जिसमें ब्लास्ट हुआ) उसके पार्ट्स के टायर, चेसिस, सीएनजी सिलेंडर, बोनट के पार्ट्स समेत दूसरे हिस्से शामिल हैं. कल बुधवार से इन सबूतों की जांच की जायेगी.
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