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रूस से तेल आयात घटाया रिलायंस इंडस्ट्रीज ने, अमेरिकी प्रतिबंधों का साइड इफेक्ट

 New Delhi :  रूस से तेल आयात किये जाने को लेकर बड़ी खबर आयी है. अमेरिका द्वारा रूस से तेल आयात बंद करने को लेकर भारत पर लगातार दबाव दिये जाने का असर दिख रहा है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से डोनाल्ड ट्रंप लगातार दावा करते आ रहे हैं कि भारत जल्द ही रूस से तेल खरीद को कम करेगा.

 

खबर है कि रिलायंस  रूस से कच्चे तेल के आयात में कटौती कर दी है. सूत्रों के अनुसार रिलायंस ने यह फैसला अमेरिका द्वारा रूस पर लगाये गये नये प्रतिबंधों के बाद लिया है.  दरअसल अमेरिका ने रूस की सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट और लुकोइल के साथ सभी लेन-देन को प्रतिबंधित करार दिया है. 

 

भारत की प्रमुख रिफाइनर(रिलायंस इंडस्ट्रीज) अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट से तेल की खरीदी बंद कर रही है.  मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड भी खरीदी  घटा  रही है, अहम बात यह है कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम की कंपनी एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड रूसी तेल का आयात पहले ही बंद कर चुकी है.   

 

कंपनी अब Middle East और अमेरिका से सप्लाई बढ़ा रही है. रिलायंस ने रूस की सप्लाई में कमी की भरपाई के लिए खाड़ी देशों की ओर रुख किया है.  सऊदी अरब से तेल खरीद 87% बढ़ी. इस क्रम में  इराक से आयात में 31% का इजाफा हुआ, कुल मिलाकर अक्टूबर में मध्य-पूर्व का हिस्सा 26% से बढ़कर 40% पर पहुंच गया.  अमेरिका से आयात लगभग दोगुना होकर 10% पर पहुंच गया. 


रिपोर्ट्स के अनुसार  रिलायंस ने अक्टूबर में रोजाना लगभग 5.34 लाख बैरल रूसी तेल का आयात किया, जो सितंबर की तुलना में 24% कम है  रूस के तेल का हिस्सा भी कंपनी के कुल आयात में सितंबर के 56% से गिरकर अक्टूबर में 43%  पर आ गया है. 

 

कहा जा रहा है कि ज्यादातर भारतीय रिफाइनर (कंपनियां) अमेरिकी प्रतिबंधों का पालन करते हुए रूस से सीधी खरीद घटायेंगे.  अमेरिका ने सभी को नवंबर तक का समय दिया है. अमेरिका ने साफ कहा है कि इस अवधि में कंपनियों को रोसनेफ्ट और लुकोइल के साथ लेन-देन समाप्त करने होंगे.  ऐसा नहीं करने पर जुर्माना और व्यापार प्रतिबंध लगना तय है. 

 

जानकारों का कहना है कि रूसी तेल सस्ता होने के कारण भारत को ज्यादा फायदा हो रहा था. अब भारत को अमेरिका से तेल आयात करना पड़ेगा. यह महंगा होगी. इसका असर भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों पर पड़ेगा. रूस और यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी तेल सस्ता हुआ था.

 

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