New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट मामले में सुनवाई करते हुए फिर केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है. जानकारी है कि SC ने 3 नवंबर को केंद्र सरकार द्वारा ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट 2021 को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपने के आवेदन पर आपत्ति की. CJI बीआर गवई ने सरकार द्वारा बार बार स्थगन किये जाने की मांग पर आपत्ति जताई.
पूर्व में भी CJI इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजे जाने के अनुरोध को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठा चुके हैं. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कहा था कि सरकार मौजूदा पीठ से बचना चाह रही है. बता दें कि ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट के तहत अलग-अलग ट्रिब्यूनलों के अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा शर्तें तय की जाती हैं.
बार एंड बेंच के अनुसार अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट मामले में स्थगन की मांग की थी. एएसजी ऐश्वर्या भाटी की तरफ से यह अनुरोध पेश किया गया था. सीजेआई गवई को यह नागवार गुजरा. उन्होंने सवाल दाग दिया कि क्या सरकार उनके सेवानिवृत्त होने का इंतजार कर रही है. सीजेआई गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
CJI ने एएसजी ऐश्वर्या भाटी से कहा कि कोर्ट दो बार पहले ही बात मान चुका है. अगर सरकार 24 नवंबर के बाद सुनवाई चाहती तो हमें बता दें. आप कोर्ट के साथ अन्याय कर रहे है. तंज कसा कि हर बार मध्यस्थता के लिए सुविधा मांगी जा रही है. आप बड़ी बेंच की मांग को लेकर आधी रात में आवेदन दाखिल करते हैं,
दरअसल सरकार द्वारा अधिकरण सुधार (सुव्यवस्थीकरण एवं सेवा शर्तें) अधिनियम, 2021 प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को वृहद पीठ के पास भेजने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. इस पर SC ने कहा कि अंतिम सुनवाई के आखिरी चरण में हमें सरकार से ऐसी उम्मीद नहीं थी.
सीजेआई गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने नाराजगी जताई कि केंद्र इस मामले को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजना चाहता है. जान लें कि पीठ इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता मद्रास बार एसोसिएशन सहित विभिन्न याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अंतिम दलीलें पहले ही सुन चुकी है.
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