Ranchi : झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच राज्य के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. रिम्स के ऑकोलॉजी विभाग को कोविड वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. वार्ड के लिए जरूरी उपकरण भी मंगाए गए हैं.

50 वेंटिलेटर लगाने की योजना, मैसूर से आया 15 वेंटीलेटर
कोरोना के गंभीर संक्रमित मरीजों के लिए वेंटिलेटर एक जीवन रक्षक उपकरण है. लगातार कोरोना के संक्रमित मरीजों की खराब होते हालत को देखते हुए राज्य सरकार ने रिम्स के ऑंकोलॉजी विभाग हाईटेक बनाने जा रही है. इसी कड़ी में ऑंकोलॉजी विभाग में 50 वेंटिलेटर लगाने की योजना है. जिसकी पहली खेप आज रिम्स पहुंची है. पहली खेप में 15 वेंटीलेटर रिम्स पहुंच चुकी है. वेंटीलेटर को ऑंकोलॉजी विभाग के सेकेंड फ्लोर पर इंस्टॉल किया जा रहा है. इसकी अनुमानित कीमत करीब तीन करोड़ 75 लाख है.

5 करोड़ 20 लाख का 160 HNFC मशीन पहुंचा रिम्स
कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज अब हाई फ्लो नेजल कैनुला मशीन से होगा. इसके लिए कुल 160 एचएनएफ़सी मशीन मंगाए गए हैं. इसमें 150 मशीन को रिम्स ऑंकोलॉजी विभाग में लगाया जाएगा. 10 एचएनएफसी मशीन को दूसरे जगह इंस्टॉल किया जाएगा. इससे जहां मरीजों में ऑक्सीजन की कमी को तुरंत दूर किया जा सकेगा, वहीं मशीन से इलाज में देरी की दिक्कत भी दूर होगी. डॉक्टर्स का कहना है कि सांस के मरीजों के लिए ये काफी फायदेमंद साबित होगी.

HNFC से मिलेगा ये फायदा
कोरोना संक्रमित मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. फेफड़ों में वायरस कॉलोनियां बना लेता है. और नसे ब्लॉक हो जाती है. इस वजह से शरीर में ऑक्सीजन लेवल बहुत तेजी से घटने लगता है. ऐसे में मरीज को तुरंत ही ऑक्सीजन दी जाती है. इसके लिए वेंटिलेटर से ऑक्सीजन थैरेपी देकर ऑक्सीजन की पूर्ति का प्रयास किया जाता है, लेकिन अब पहले हाई फ्लो नेजल कैनुआ मशीन का प्रयोग किया जाएगा. इसके जरिये मरीज को एक मिनट में 60 लीटर तक ऑक्सीजन दी जा सकती है. फिलहाल, सामान्य ऑक्सीजन पाइप से 15 लीटर तक ऑक्सीजन मिलती है.