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नयी वैक्सीन पॉलिसी केंद्र की निर्ममता, निष्ठुरता, ह्रदय विहीनता का जीता जागता उदाहरण- डॉ रामेश्वर उरांव
Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राहत निगरानी समिति ने काम करना शुरू कर दिया है. कोरोना संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों को संकट से उबारने के लिए समिति काम कर रही है. जरूरतमंदों को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने के लिए समिति काम कर रही है.
कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि नयी वैक्सीन पॉलिसी केंद्र सरकार मंगलवार को लेकर आयी है वह मोदी सरकार की निर्ममता, निष्ठुरता, ह्रदय विहीनता का जीता जागता उदाहरण है. अगर हम इसको ध्यान से पढ़े, तो नई वैक्सीन पॉलिसी प्रतिगामी एवं न्याय विरोधी है.
बुधवार को प्रदेश कांग्रेस स्वास्थ्य विभाग के चेयरमैन डॉ पी नैय्यर के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने हेल्पलाइन नंबर 9798563777 और 7667357882 के माध्यम से लोगों की व्यथा सुनी और उन्हें आवश्यक परामर्श दिया. इस मौके पर कंट्रोल रूम के संयोजक प्रदीप तुलस्यान, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, अमूल्य नीरज खलखो ,जगदीश साहू, और नरेंद्र लाल गोपी समेत कई नेता-कार्यकर्त्ता उपस्थित थे.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सबसे पहली बात की नयी टीकाकरण नीति में 45 वर्ष से कम आयु वर्ग के युवाओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. अपना पल्ला झाड़कर केंद्र सरकार ने प्राइवेट अस्पताल या राज्य सरकारों के रहमो करम पर इन युवाओं को छोड़ दिया गया है. अब उन लोगों को प्राइवेट अस्पताल के अंदर, उनकी मुंह मांगी रकम के ऊपर और राज्य सरकार के रहमो करम पर निर्भर रहना पड़ेगा.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि केंद्र सरकार ने इसकी कीमतें तय नहीं की है. इसकी कीमतें प्राइवेट उत्पादकों के हाथों में छोड़ दी गई है. उसके साथ राज्य सरकारें जो नेगोशिएट करेंगी या प्राइवेट अस्पताल जो नेगोशिएट करेंगे, वह कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह प्राइवेट उत्पादकों और प्रदाता के हाथ लूट एवं मुनाफाखोरी का लाइसेंस है.
रामेश्वर उरांव ने कहा कि नई वैक्सीन पॉलिसी से प्राइवेट एवं राज्य सरकारों को भी केंद्र सरकार की कीमतों पर वैक्सीनेशन मिलनी चाहिए. पार्टी यह मांग करती है कि जिस रेट पर केंद्र सरकार को मिल रही है और अभी 250 रुपये केंद्र सरकार के इंटरपेंशन के बाद प्राइवेट अस्पताल के अंदर एक-एक टीके की कीमत है. तो वहीं निरंतर आगे भी रहना चाहिए. इसको भविष्य में मार्केट फोर्सेस पर नहीं छोड़ना चाहिए.
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