Vijay Kumar
Ranchi : रांची रेल मंडल में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की कड़ाई की वजह से 35 दिनों में कम से कम 21 बच्चों व नाबालिग युवतियों का रेस्क्यू किया गया है. इसके लिए आरपीएफ की नन्हें फरिश्ते-मेरी सहेली साझा टीम द्वारा ऑपरेशन चलाया जा रहा है. 12 जून से अब तक कई बच्चों को मानव तस्करों, घर से भागे व रोजगार की तलाश में जाते बच्चों को रांची, हटिया, मुरी, लोहरदगा व रामगढ़ स्टेशनों से बरामद किया गया है. यह कार्य रांची रेल मंडल के मंडल सुरक्षा आयुक्त प्रशांत कुमार यादव के निर्देश पर किया जा रहा है. उनके निर्देश पर रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में बाल तस्करों पर निगरानी रखी जाती है.
कब कहां से बच्चे हुए बरामद
12 जून : रांची से दो मानव तस्कर व एक नाबालिग बरामद
13 जून : रांची स्टेशन से लातेहार की 16 वर्षीय और पलामू की 15 वर्षीय बच्ची बरामद.
14 जून : रांची में बिहार का 11 वर्ष का बच्चा मिला.
18 जून : लोहरदगा स्टेशन पर पांच साल का बच्चा मिला.
23 जून : रांची-बोकारो इंटरसिटी एक्सप्रेस से दो नाबालिग बच्चियां बरामद.
25 जून : पटना-जनशताब्दी से 11 वर्षीय बाल श्रमिक को बचाया.
26 जून : मुरी स्टेशन से मिर्गी पीड़ित बच्चा मिला.
29 जून : रामगढ़ की युवती रामगढ़ स्टेशन से मिली.
1 जुलाई : लोहरदगा स्टेशन में रांची और लोहरदगा के दो नाबालिग मिले.
7 जुलाई : रांची स्टेशन में हटिया-राउरकेला ट्रेन से घर से भागे दो नाबालिग मिले.
12 जुलाई : रांची स्टेशन में गुमला की 18 वर्षीय युवती मिली.
15 जुलाई : रांची स्टेशन में छत्तीसगढ़ के दो नाबालिग मिले.
16 जुलाई : लोहरदगा से 11 वर्ष का बच्चा व रांची-टोरी पैसेंजर से यूपी का एक बच्चा मिला.
17 जुलाई : रांची स्टेशन में सिमडेगा के दो नाबालिग मिले.
अभिभावक ही बच्चों को भेज रहे काम करने बाहर
रोजगार का अभाव व घर का खर्च उठाने के लिए अभिभावक ही अपने बच्चों को दूसरे राज्य में काम की तलाश में भेज रहे हैं. बाल कल्याण समिति रांची में 16 वर्षीय पश्चिमी सिंहभूम की बच्ची ने बयान दर्ज कराया है कि उसके पिता ने ही दिल्ली काम करने भेजा था. परंतु रांची स्टेशन में आरपीएफ ने पकड़ लिया. खूंटी की 11 वर्षीया नाबालिग बच्ची अभिभावक के कहने पर गांव के ही परिचित के साथ दिल्ली नौकरी करने जा रही थी. इसे भी रेस्क्यू कर लिया गया.
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