Ranchi: जल संसाधन विभाग ने झारखंड राज्य जल संसाधन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है. आयोग का कार्यकाल दो वर्षों का होगा. इस अवधि में आयोग पर कुल 23.97 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सरकार द्वारा जारी संकल्प में आयोग के लिए टर्म ऑफ रिफ्रेंस निर्धारित किया गया है. साध ही आयोग के लिए त्रिस्तरीय समिति का स्वरूप भी निर्धारित किया गया है.
त्रिस्तरीय समिति का स्वरूप
- विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति में विभिन्न विभागों के विभागध्यक्ष के अलावा जल संसाधन सचिव और अभियंता प्रमुख- एक और दो सदस्य के रूप में शामिल होंगे.
- आयोग के कार्यकारी समिति में अनुभवी अभियंता, जल संसाधन विशेषज्ञ, वन पर्यावरण विशेषज्ञ, कृषक समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य के ख्याती प्राप्त विशेषज्ञ, उपकुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा नामित व्यक्ति सदस्य के रूप में शामिल होंगे.
- आयोग के लिए एक तकनीकी समिति का गठन होगा. इसमें जल संसाधन विभाग के कार्यरत कर्मचारियों व पदाधिकारियों को शामिल किया जायेगा.
आयोग के लिए निर्धारित टर्म ऑफ रिफ्रेंस
- राष्ट्रीय जल नीति, झारखंड जल नीति में दिये गये प्रावधानों के आलोक में राज्य में जल संसाधन का विकास एवं प्रबंधन.
- विभिन्न बेसिन से जल के उपयोग के मुद्दे पर दूसरे राज्यों के साथ किये गये एकरारनामे की राज्य हित में समीक्षा.
- प्रमुख नदी, बेसिनों के लिए न्यूनतम भूमि अधिग्रहण पर आधारित विकास और प्रबंधन की रूप रेखा तैयार करना.
- 100 वर्ग किलोमीटर या उससे अधिक जल ग्रहण क्षेत्र वाले नदी, बेसिन का प्रबंधन और सिंचाई के लिए योजना बनाने के अलावा डूब क्षेत्र और कमांड क्षेत्र का आकलन करना.
- लिफ्ट सिंचाई योजना से कवर किये जाने वाले कमांड एरिया की पहचान करना.
- भूमिगत पाइपलाइन, मेगा लिफ्ट योजना का चयन और क्रियान्वयन करना.
- बेसिन में जल की उपलब्धता और वर्तमान फसल प्रणाली की समीक्षा करना.
- चालू और वर्तमान निर्माणाधीन योजनाओं के माध्यम से जल संसाधन का वर्तमान उपयोग और भविष्य की माँग के अनुरूप फसल प्रणाली के मामले में सुझाव देना.
- बाढ़ नियंत्रण से संबंधित मामलों का अध्ययन कर सुरक्षात्मक उपायों का सुझाव देना.
- पूरे राज्य के लिए बेसिन आधारित सूचना प्रणाली विकसित करना.
- आयोग के सामने लाये जाने वाले अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर विचार करना.