alt="" width="300" height="168" /> नदी किनारे पोकलैन से वाहनों में भरा जा रहा अवैध बालू.[/caption] इसे भी पढ़ें : पटना">https://lagatar.in/patna-in-beur-jail-13-female-and-nine-male-prisoners-will-perform-chhath-festival-the-jail-administration-has-arranged/">पटना
: बेऊर जेल में 13 महिला और नौ पुरूष कैदी करेंगे छठ पर्व, जेल प्रशासन ने की व्यवस्था वहां से किसी ग्राहक के पास भेजा जाता. अवैध बालू लदा पलटा हाइवा नोवामुंडी के लखनसाई निवासी बाबू गौड़ की बताई जा रही है. जैंतगढ़ के गुमुरिया आदि बालू घाटों पर दिन-रात जेसीबी व लोडर से बालू का उठाव कर ट्रैक्टर व ट्रक के माध्यम से नदी से उठाकर कुछ दूरी पर सुरक्षित स्थान पर स्टॉक किया जाता है. वहां से उक्त बालू को हाइवा में लोडकर झारखंड-ओडिशा के विभिन्न शहरों व गांवों में भारी कीमत अर्थात प्रत्येक हाईवा बालू 20-25 हजार रुपए (दूरी के अनुसार कीमत) में बेचा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि लौहांचल में बालू के अलावे लौह व मैगनीज अयस्क, गिट्टी की तस्करी निरंतर जारी है. इस अवैध तस्करी को रोकने के लिए जिला स्तर पर आयुक्त व उपायुक्त के नेतृत्व में वन विभाग, खनन विभाग, पुलिस आदि को लेकर विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है, लेकिन यह टास्क फोर्स उतना सक्रिय नहीं है, जितना की होना चाहिए. टास्क फोर्स की निष्क्रियता का खुला लाभ खनिज तस्कर उठा सरकारी राजस्व व खनिज सम्पदाओं का भारी दोहन कर करोड़ों का लाभ उठा रहे हैं. [wpse_comments_template]
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