Ranchi : कोविड की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की समस्या से जूझना पड़ा था. अस्पतालों में हाहाकार मचने के बाद ऑक्सीजन की कमी से कई लोगों की जानें भी गयीं. कोरोना की दूसरी लहर ने सरकार, स्वास्थ्य विभाग और लोगों को संभलने का मौका नहीं दिया, लेकिन अब कहा जा सकता है कि यदि तीसरी लहर आएगी तो ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान नहीं जाएगी. संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर रिम्स में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के अलावा एक पीएसए प्लांट भी तैयार है. दो हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन सप्लाई करने की क्षमता है, जिसका उदघाटन बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. बुधवार छह अक्टूबर को रिम्स के जरिये लोगों को एक नहीं, बल्कि चार सौगातें मिलेंगी.
कोरोना जांच में बेहतर रिपोर्ट देने वाली कोबास मशीन का भी होगा उदघाटन
पीएसए प्लांट के अलावा कोरोना टेस्ट में आरटी पीसीआर के माध्यम से बेहतर रिपोर्ट देने वाली कोबास मशीन का भी विधिवत उदघाटन किया जाएगा. हालांकि कोबास मशीन का इस्तेमाल माइक्रोबायोलॉजी विभाग के लैब में पिछले डेढ़ महीने से किया जा रहा है. उदघाटन के इंतजार में नियमित जांच नहीं हो रही थी, लेकिन उदघाटन के बाद कोविड-19 टेस्ट की संख्या भी बढ़ेगी. यह मशीन भी कोरोना काल में सैंपल जांच में बैकलॉग को देखते हुए रिम्स प्रबंधन ने खरीदने का फैसला लिया था.
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एक दिन में 1200 सैंपल की होगी जांच
रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार ने कोबास मशीन की जानकारी देते हुए कहा कि कोबास की शुरुआत होते ही कोरोना के सैंपल का जांच बेहतर तरीके से कर पाएंगे. इस मशीन से एक दिन में 1200 सैंपल का जांच हो पाएगा. इस मशीन की खासियत है कि इससे सिर्फ कोरोना का ही नहीं, बल्कि अन्य वायरल इंफेक्शन की जांच की जा सकती है, जिससे रिम्स में आने वाले मरीजों को लाभ मिलेगा.
इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों को होगा लाभ
जानकारी के अनुसार कोबास मशीन से वायरल हेपेटाइटिस बी एंड सी, एचआईवी (HIV), एमटीबी, पैपिलोमा, क्लैमाइडिया, नेयसेरेमिया जैसे रोगों के लक्षणों का पता लगाया जा सकता है.
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256 स्लाइस की सीटी स्कैन मशीन की सालों की मांग पूरी, जांच भी जल्द शुरू होगी
मुख्यमंत्री के रिम्स आगमन के बाद उपर्युक्त दो उदघाटन के बाद ट्रॉमा सेंटर में लगकर तैयार 256 स्लाइस की एडवांस सीटी स्कैन मशीन का भी शुभारंभ किया जाएगा. रिम्स प्रबंधन के अनुसार, यह मशीन वर्ल्ड क्लास की है. इसमें सभी तरह की सीटी स्कैन जांच की जा सकेगी. इसके अलावा ब्रेन और हार्ट की एंजियोग्राफी भी हो सकेगी. रिम्स प्रबंधन ने चार दिन पूर्व जांच शुरू करने के लिए एटोमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड को पत्र लिख अनुमति देने की मांग की है. रिम्स से मशीन का रेडिएशन रीडिंग बोर्ड को भेजी गयी है. मशीन की गुणवत्ता और उसके रेडिएशन का आकलन करने के बाद बोर्ड इसके संचालन की अनुमति देगा.
पैथोलॉजिकल जांच यूनिट में 24 घंटे संचालित होगी सेंट्रल लैबोरेटरी
इधर, रिम्स के ट्रॉमा सेंटर के पहले तल्ले में बनकर तैयार पैथोलॉजिकल जांच के लिए सेंट्रल इमरजेंसी लैब का भी उदघाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. मरीजों की बढ़ती संख्या और हाईकोर्ट की लगातार फटकार के बाद रिम्स में होने वाले जांच को बढ़ावा देने के लिए पैथोलॉजिकल लैब का एक्सटेंशन स्थापित किया गया है. यहां 100 तरह से जांच हो सकेगी. लैब का संचालन पैथोलॉजी विभाग, बायोकेमेस्ट्री विभाग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग और लैब मेडिसिन द्वारा किया जाएगा. इस लैब में ब्लड-यूरीन कल्चर समेत कई तरह की जांच हो सकेगी. यहां 6 तरह से ज्यादा नयी मशीनें जोड़े में इंस्टॉल की गयी हैं. इंस्टॉल्ड मशीनों में ब्लड क्लॉटिंग सिस्टम की जांच में उपयोगी को कॉग्लूमीटर पीटी टेस्ट मशीन, हार्मोन जांच के लिए एलिजा रीडर, 400 जांच क्षमता वाली बायोकेमेस्ट्री एनालाइजर, यूरिन संबंधित जांच के लिए यूरिन एनालाइजर आदि शामिल हैं.