Ranchi : राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान “रिम्स” में अव्यवस्था कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार के लाख दावों के बावजूद जब अस्पताल की दहलीज पर किसी की मौत हो जाए तो सिस्टम पर सवाल उठाना लाजिमी है. समय पर अस्पताल पहुंचने के बाद भी सुमित मुंडा बदइंतजामी की भेंट चढ़ गया. वहीं देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड के मोरनई गांव का रहने वाला 8 वर्षीय अब्दुल्ला अंसारी सीटी स्कैन के लिए 2 दिनों से हेल्थ मैप के बाहर इंतजार कर रहा है.
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व्यवस्था के आगे सुमित ने तोड़ा दम
दरअसल खूंटी जिले के तमाड़ का रहने वाला 17 वर्षीय सुमित मुंडा ट्यूबरक्लोसिस के साथ सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. सुमित के परिजन उसे लेकर 11 फरवरी को दोपहर में रिम्स लेकर आए थे. रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर ने सुमित का जांच किया और इको कार्डियोग्राफी कराने की सलाह दी.
रिम्स परिसर स्थित रैन बसेरा के पास पीपीपी मोड पर संचालित हेल्थ मैप को इकोकार्डियोग्राफी के लिए 1080 रुपए का भुगतान करने के बाद भी 11 फरवरी को जांच नहीं हुआ. हेल्थ मैप के कर्मचारियों ने 12 फरवरी की सुबह में सुमित को आने के लिए कहा गया था.
उसमें कहा गया था कि जांच के लिए भूखे पेट ही आए. समय पर सुमित इकोकार्डियोग्राफी के लिए पहुंच गया था. उसका जांच भी हो गया. लेकिन इसी दौरान वह हेल्थ मैप में गश खाकर गिर गया. परिजन आनन-फानन में उसे लेकर रिम्स के इमरजेंसी विभाग पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने सुमित को मृत घोषित कर दिया.
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2 दिन से सीटी स्कैन जांच का इंतजार कर रहा है अब्दुल्ला
वहीं देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड के मोरनई गांव का रहने वाला 8 वर्षीय अब्दुल्ला अंसारी पेट के दर्द से परेशान है. देवघर में डॉक्टर से जांच कराया तो उसे रिम्स रेफर कर दिया गया. 10 फरवरी को सीटी स्कैन जांच की लिए हेल्थ मैप से पर्ची कटवा कर 11 फरवरी को जांच के लिए अब्दुल्ला के परिजन उसे लेकर हेल्थ मैप पहुंचे.
पेट दर्द से बच्चा परेशान है, इसलिए जांच नहीं हो पायी. परिजन ने कहा कि हेल्थ मैप के कर्मचारी यह कह रहे हैं कि बच्चे को एनएसथीसिया देने के लिए रिम्स के एनएसथीसिया विभाग के चिकित्सक से संपर्क करें. जब तक बच्चा बेहोश नहीं हो जाता है, तब तक जांच नहीं हो पाएगा. बच्चे के परिजन सीटी स्कैन जांच के लिए परेशान हैं.
रिम्स की अधिकांश मशीनें खराब, खामियाजा भुगत रहे मरीज
रिम्स में जांच के लिए लगाये गये कई महत्वपूर्ण मशीनें खराब हैं. ऐसे में मरीज जांच के लिए पीपीपी मोड पर संचालित हेल्थ मैप का रुख कर रहे हैं. जहां मरीजों को भारी भीड़ का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी परिस्थिति में मरीज कुव्यवस्था की भेंट चढ़ रहे हैं.
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