Akshay Kumar Jha
Ranchi : झारखंड में उद्योग लगाने की चाहत रखनेवाले के लिए खुशखबरी है. उद्योग विभाग नयी औद्योगिक नीति पर काफी तेजी से काम कर रहा है. संभावना है कि जून के आखिरी या अगस्त के पहले हफ्ते में औद्योगिक नीति बनकर तैयार हो जायेगी. इसकी तैयारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मार्च में ही शुरू कर दी थी. छह मार्च को चालू विधानसभा सत्र के दौरान ही हेमंत ने दिल्ली में उद्योगपतियों के साथ बैठक की थी. उद्योगपतियों से पूछा गया था कि झारखंड में निवेश बढ़ाने के लिए सरकार को क्या करना चाहिए. बैठक को स्टेकहोल्डर्स मीटिंग का नाम दिया गया था. इसमें खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान और कपड़ा, इलेक्ट्रिक वाहन, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में निवेश करने के लिए राय मांगी गयी थी. वहीं केंद्र सरकार ने भी देश के सभी राज्यों से 15 अगस्त तक अपने राज्य की औद्योगिक नीति तैयार कर लेने का सुझाव दिया है. केंद्र ने इस संबंध में राज्यों को सुझाव भी दिये हैं. उन्हीं सुझावों और राज्य की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति का आकलन कर उद्योग विभाग पॉलिसी तैयार करने में जुटा है.
इसे भी पढ़ें – नयी एजेंसियों को दिया मीटर रीडिंग का काम, लेकिन बिजली बोर्ड के पास नहीं है उर्जा मित्रों की जानकारी
इंस्पेक्टर राज खत्म करने की कवायद, हटाये गये 108 पुराने कायदे
नयी औद्योगिक नीति में इस बात पर काफी जोर दिया जा रहा है कि निवेशकों को बेकार और गैरजरूरी नियमों में उलझना न पड़े. इसलिए नयी पॉलिसी में 108 पुराने नियम-कायदों को हटा दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक अगर पहले किसी उद्योग को लगाने के लिए विभाग द्वारा 10 बार इंस्पेक्शन किया जाता था, तो नयी पॉलिसी के मुताबिक अब दो-तीन बार ही होगा. यह निरीक्षण भी औचक होगा. जिससे निवेशक विभाग को गुमराह नहीं कर सकेंगे. इससे उद्योग लगाने में अड़चन बन रहे इंस्पेक्टर राज का अंत होगा. यही नहीं, सरकार से मिलने वाली सब्सिडी में भी अब और रियायत देने की बात पॉलिसी में की गयी है. पहले कई किस्तों में सब्सिडी की राशि निवेशकों को मिलती थी. लेकिन अब यह सब्सिडी कम से कम किस्तों में दी जायेगी. इससे निवेशकों को पूंजी की व्यवस्था करने में मदद मिलेगी.
यूपी ने 3600 तो महाराष्ट्र ने 2500 नियमों को हटाया
झारखंड ही नहीं, देश के तमाम अन्य राज्य निवेशकों को आकर्षित और रोजगार खत्म करने के लिए नयी औद्योगिक नीति पर काम कर रहे हैं. इसी दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब 3600 पुराने नियमों को पॉलिसी से हटा दिया है. महाराष्ट्र की सरकार ने 2500 नियमों को हटाया है. झारखंड में अभी तक ऐसे 108 नियमों को दरकिनार कर पॉलिसी तैयार की जा रही है.
इसे भी पढ़ें –Sidharth Shukla फिर बने Most Desirable Man , टॉप 10 में Big Boss के चार कंटेस्टेंट शामिल