जल्द होगी 6 हजार शिक्षकों और पुलिस विभाग में बहाली
22 जून को मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि सरकार बहुत जल्द 6 हजार शिक्षकों और पुलिस विभाग में बहाली करेगी. और ये सिलसिला थमेगा नहीं. रोजगार देना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. तीन दिन पहले ही पंचायत सचिव का नियुक्ति पत्र पाने वाले गुलाम हुसैन कहते हैं कि हालांकि पंचायत सचिव के लिए काफी लंबा संघर्ष करना पड़ा, लेकिन अंत भला तो सब भला. इसके लिए हम सरकार के आभारी हैं .उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द से जल्द अन्य विभागों में भी नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरी करे और युवाओं को रोजगार दे.सरकार गठन के बाद सौंपे गए नियुक्ति पत्र
तिथि क्षेत्र संख्या 7 दिसंबर 2021 निजी क्षेत्रों में सीधी नियुक्ति 2000 9 अगस्त, 2021 खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति 39 1 जून 2022 कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति 129 22 जून 2022 प्रयोगशाला सहायक 37 08 जुलाई 2022 7वीं और 10वीं जेपीएससी 252 16 जुलाई , 2022 निजी क्षेत्रों में नियुक्ति पत्र 11, 406 22 अगस्त 2022 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति 217 15 नवंबर 2022 ए ग्रेड नर्स की नियुक्ति 320 15 नवंबर 2022 सहायक अभियंता 617 28 मार्च 2023 पशु चिकित्सक 32 5 अप्रैल 2023 चिकित्सा पदाधिकारी 470 10 मई 2023 सहायक लोक अभियोजक 113 19 मई 2023 माध्यमिक विद्यालय शिक्षक 3,469 22 जून 2023 पंचायत सचिव 1633 22 जून 2023 निम्न वर्गीय लिपिक, राजस्व विभाग 707 22 जून 2023 कोषागार लिपिक, वित्त विभाग 166सरकारी नियुक्तियों में कीर्तिमान स्थापित किया- डॉ तनुज खत्री
हेमंत सोरेन सरकार इन नियुक्तियों को अपनी उपलब्धि बता रही है. और इसे 2024 के चुनावों में भुनाने में लग गयी है. जेएमएम के प्रदेश प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री बताते हैं कि अभी ये शुरूआत है और ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. हेमंत सोरेन सरकार ने सरकारी नियुक्तियों में कीर्तिमान स्थापित किया है. लगातार जेपीएससी, जेएससीसी, स्कूली शिक्षकों की नियुक्तियों के द्वार खोलने का काम हुआ है. सहायक प्राध्यापक का समाधान करने का काम भी हेमंत सरकार ने किया. विश्वविद्यालय में अनुबंध पर असिस्टेंट प्रोफेसर का मानदेय भी बढ़ा कर 57,000 करने का काम किया है.17 लाख की जगह महज 8 हजार को नौकरी मिली- प्रतुल शाहदेव
हालांकि भारतीय जनता पार्टी इन नियुक्तियों को नाकाफी बताती है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव के समय हर साल 5 लाख नौकरियां देने का वादा किया था, उस हिसाब से अब तक साढ़े 17 लाख युवाओं को नौकरियां मिल जानी चाहिए थी. लेकिन महज 8 हजार नौकरी देकर हेमंत सोरेन अपनी उपलब्धि गिना रहे हैं. झारखंड का आदिवासी मूलवासी समाज अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहा है. इसे भी पढ़ें – बिहार">https://lagatar.in/another-bridge-collapsed-in-bihar-even-before-it-was-commissioned/">बिहारमें चालू होने से पहले ही धंसा एक और पुल [wpse_comments_template]
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