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गिरफ्तार होने पर पीएम, सीएम, मंत्री को हटाने वाले बिल पर रार, विपक्ष ने कहा, बिल फाड़ देंगे

New Delhi :  मोदी सरकार द्वारा संसद में लाये जाने वाले एक विधेयक जिसमें गंभीर आपराधिक आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तारी या हिरासत में रखे जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाया जा सकेगा, विपक्ष आगबबूला है. विपक्षी सांसद इस बिल को लाये जाने पर टेबल तोड़ने और बिल फाड़ने तक की धमकी दे रहे हैं.

 

  

 

 

 

 

 सूत्रों के अनुसार आज बुधवार को अमित शाह लोकसभा में तीन मसौदा विधेयक पेश करने वाले हैं. इनमें संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेशों का शासन (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक. शामिल हैं.  खबर है कि श्री शाह इन तीनों विधेयकों को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी रखेंगे  

 

पहले विधेयक में प्रावधान है कि यदि पीएम, सीएम, केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री में कोई भी किसा अपराध के लिए गिरफ्तार किया जाता है और  उसे लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है,  जिनमें कम से कम पांच साल की जेल की सजा संभव हो सकती है, तो उसका पद चला जायेगा.

 

एक सांसद ने तो यहां तक कह दिया कि यदि बिल पेश किया गया तो हम टेबल तोड़ेंगे, बिल फाड़ देंगे,कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस बिल को लेकर कहा,  कल आप (केंद्र सरकार) किसी भी विपक्षी मुख्यमंत्री पर कोई केस कर उसे 30 दिनों के लिए गिरफ्तार कर सकते हैं. इससे वह सीएम नहीं रह पायेगा. प्रियंका गांधी ने इस बिल को संविधान-विरोधी, अलोकतांत्रिक और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. 

 

 

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पत्रकारों से कहा कि मैं इन विधेयकों के बारे में इतनी अच्छी तरह नहीं जानता कि अभी आपको कोई टिप्पणी दे सकूं,  पहली नज़र में, यह उचित लगता है कि जो कोई भी गलत काम करता है, उसे सज़ा मिलनी चाहिए और उसे किसी उच्च संवैधानिक पद या राजनीतिक पद पर नहीं होना चाहिए.  मुझे लगता है कि यह बात सही है.  

 

 

 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एक्स पर लिखा, 'क्या दुष्चक्र है! गिरफ्तारी के लिए कोई दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया! विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी धड़ाधड़ और असंगत रूप से हो रही है. नये प्रस्तावित कानून के तहत मौजूदा मुख्यमंत्री आदि को गिरफ्तारी होते ही तुरंत हटा दिया जायेगा.

 

टीएमसी सांसदों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह सीबीआई, ईडी को राज्य सरकारों को सीधे गिराने की अनुमति देने के लिए नया विधेयक संसद में ला रही है.    तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले ने कहा कि जब आयोग की मिलीभगत से वोट-चोरी उजागर हो गयी है, तो  पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राज्य सरकारों को गिराने के लिए नये हथकंडे तलाश रहे हैं.  

 

 उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति अपराधी तभी होता है, जब कोर्ट द्वारा उसे दोषी ठहराया जाता है. आप महज़ आरोप के आधार पर मुख्यमंत्री या मंत्री को हटा नहीं सकते. टीएमसी की  लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने आरोप लगीयी कि यह विधेयक संघीय ढांचे और न्यायपालिका दोनों को धता बताने वाला है.  
 


AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल को संविधान के खिलाफ बताते हुए  विरोध करने की बात कही है. कहा कि भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह हमेशा सत्ता में नहीं रहेगी. 

 


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