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आनंदु अजी के आरोपों को RSS ने संदिग्ध और निराधार बताया, निष्पक्ष जांच की मांग की

Lagatar Desk :  IT प्रोफेशनल आनंदु अजी के आरोपों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बयान जारी किया है. संघ की दक्षिण केरल इकाई ने आनंदु अजी की मौत पर गहरा दुख जताते हुए इसे अस्वाभाविक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

 

संघ ने कहा है कि स्वयंसेवक आनंदु अजी की अस्वाभाविक मृत्यु बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. उनकी मौत के बाद सामने आए सुसाइड नोट में संघ पर लगाए गए आरोप संदिग्ध और निराधार हैं.

 

आरएसएस ने आनंदु अजी की मौत और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच करनी की मांग की है, ताकि सच सामने आ सके और संघ की निर्दोषता स्पष्ट हो.

 

संघ ने विश्वास जताया है कि स्वतंत्र जांच से न केवल आनंदु की अप्राकृतिक मौत का वास्तविक कारण सामने आएगा, बल्कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में RSS की निर्दोषता भी सुनिश्चित होगी.

 

बचपन से ही किया जा रहा था यौन शोषण

गौरतलब है कि आनंदु अजी ने आत्महत्या से पहले इंस्टाग्राम पर एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के लोगों पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं. 

 

आनंदु ने आरोप लगाया है कि बचपन से अब तक उसके साथ यौन शोषण किया गया, जिससे वह अब तक उबर नहीं पाया है. उसने बताया कि उनके माता-पिता ने उन्हें बचपन में संघ की शाखा में भेज दिया था. वहां ‘एनएम’ नामक एक पड़ोसी ने तीन साल की उम्र में उसका यौन शोषण किया.

 

मानसिक आघात उनकी मौत का कारण

उसने दावा किया कि संघ के आईटीसी और ओटीसी कैंपों में भी उसके साथ यौन शोषण किया गया.  आनंदु ने अपने सुसाइड नोट में स्पष्ट किया कि उनकी मौत का कारण कोई निजी रिश्ता नहीं, बल्कि वह मानसिक आघात है, जो इन घटनाओं के कारण उन्हें जीवन भर झेलना पड़ा.

आनंदु की चेतावनी-RSS वालों से दोस्ती न करें

आईटी प्रोफेशनल ने लिखा कि वे ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) से पीड़ित थे, जिसका कारण उन्होंने आरएसएस के सदस्यों द्वारा किया गया शोषण बताया. सुसाइड नोट में आनंदु ने कहा कि उन्होंने संघ से केवल दर्द पाया है.

 

उन्होंने लिखा कि RSS वालों से दोस्ती न करें, चाहे वह आपका पिता, भाई या बेटा ही क्यों न हो. मेरे पास सबूत नहीं है, लेकिन मेरी जिंदगी ही इसका सबसे बड़ा सबूत है. उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास कोई गुस्सा नहीं है, लेकिन वे चाहते हैं कि दुनिया का कोई और बच्चा वैसा दर्द न सहे.

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