- दिवंगत सब इंस्पेक्टर रूपा के परिजनों से मिले बरहरवा के डीएसपी
- परिवार के लोगों ने कहा- आत्महत्या नहीं, मर्डर हुआ है रूपा का
- पिता ने कहा – मैंने बेटी को राज्य की सेवा में भेजा था, आप लोगों ने हिफाजत नहीं की डीएसपी साहब
Ranchi : 2018 बैच की सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की साहिबगंज में महिला थाना प्रभारी के पद पर पदस्थापित थी. बीते सोमवार को पुलिस क्वार्टर में उसका शव बरामद किया गया. इस मामले में साहिबगंज पुलिस ने जांच शुरू की और उसकी मौत का कारण प्रेम-प्रसंग में खुदकुशी करना बताया. लेकिन रूपा की मौत को लेकर उठे कई सवालों के जवाब अबतक नहीं मिल सके हैं. इस बीच साहिबगंज के बरहरवा डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा, डीएसपी प्रमोद सोमवार को दिन के लगभग एक बजे रातू थाने के डंडई हेहल में रूपा तिर्की के पैतृक आवास उनके परिजनों से मिलने पहुंचे.
बरहरवा डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा के साथ रातू थाना प्रभारी भी मौजूद थे. वहां उन्हें ग्रामीणों के साथ-साथ परिवार वालों के सवालों का सामना करना पड़ा. मीडिया ने भी जब डीएसपी से सवाल पूछा कि डाहू यादव कौन है? यह सुनते ही डीएसपी गाड़ी में बैठ कर चले गये. जानकारी के अनुसार बरहरवा डीएसपी दिवंगत रूपा के परिजन से 32 मिनट बातचीत की, जिसमें रूपा के परिजनों ने रूपा के शरीर में मौजूद चोट के बारे में भी सवाल किये. परिजनों ने उनसे कहा कि रूपा ने खुदखुशी नहीं की है, उसका मर्डर हुआ है.
डीएसपी के साथ क्या-क्या बातचीत हुई
रूपा के पिता ने लगातार न्यूज को बताया कि बेटी की मौत के बाद पहली बार कोई पुलिस अधिकारी उनके घर आये थे. जब रूपा का शव घर आया था, तब भी कोई पुलिस अधिकारी साथ नहीं आये थे. परिजनों ने डीएसपी मिश्रा के समक्ष रूपा की मौत की पुलिस जांच रिपोर्ट पर भी आपत्ति दर्ज की और कहा कि यह मामला मर्डर का है और रूपा के हत्यारों को बचाने के लिए प्रेम-प्रसंग और खुदखुशी की स्टोरी रची जा रही है. रूपा के पिता ने बरहरवा डीएसपी से कहा कि मैं फौज में रहा हूं. आत्महत्या और मर्डर में अंतर समझने की क्षमता मुझमें भी है. मेरी बेटी के शरीर में चोट के कई निशान थे, जिसे हमलोगों ने देखा. गले में दो जगह गहरी चोट के निशान थे. इससे साफ पता लग रहा था कि यह मर्डर ही था.
रूपा के पिता ने डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा से कहा कि मैंने भी बतौर फौजी देश की सेवा में अपना जीवन लगा दिया. हमने अपनी बेटी को आपलोगों के हवाले किया था. आपलोग उसकी हिफाजत नहीं कर सके. बेटी की मौत के बाद भी आपलोगों ने दोषियों को सजा दिलाने की जगह मर्डर को खुदखुशी में बदलने में लग गये. यहां कहां का न्याय है?
मौत की सूचना के बाद जब परिवार के लोग साहिबगंज पहुंचे, उसी समय से पुलिस अधिकारी मौत को आत्महत्या बताने में लगे थे. परिवार को पोस्टमार्टम की जानकारी नहीं दी गई थी. जिस बेटी को राज्य की सेवा के लिए भेजा था, उसका शव पहुंचाने कोई पुलिस अधिकारी नहीं आया. मौत हुए एक सप्ताह बीत गया है, लेकिन हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. जब भी रिपोर्ट की मांग करते हैं कि तब पुलिस वाले आवेदन देने को कहते हैं.
डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा ने क्या कहा
लगातार न्यूज ने साहिबगंज के बरहरवा डीएसपी से भी बात की. उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत काम से रांची आया था. डिपार्टमेंट की एक होनहार बच्ची की मौत के बाद परिजनों के समक्ष संवेदना व्यक्त करने के मकसद से रूपा के घर गया था, लेकिन वहां कई सवाल खड़े हुए. परिवार वालों ने भी कई बातें कहीं. केस के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि मैं रूपा के केस की जांच नहीं कर रहा हूं. जांच रिपोर्ट में जो तथ्य आये हैं और जो सवाल उठ रहे हैं, उसका उचित माध्यम से जवाब दिया जाएगा.