Ranchi/Khunti : खूंटी जिले के मलियादा गांव में आज साइबर सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया. बाल कल्याण संघ और साइबर पीस फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से जिले की पहली ग्रामीण साइबर फर्स्ट रेस्पांन्डर टीम की शुरुआत की गई. यह टीम गांवों में बढ़ते साइबर अपराध जैसे OTP धोखाधड़ी, UPI ठगी, फर्जी नौकरी कॉल, WhatsApp हैकिंग, और नकली लिंक के जरिए होने वाली ठगी को रोकने के लिए बनाई गई है.
इस टीम में वार्ड सदस्य, ग्राम प्रधान, जल सहिया, स्वास्थ्य सहिया, किशोर–किशोरियां, शिक्षक और सक्रिय ग्रामीणों को शामिल किया गया है. विशेषज्ञ उन्हें यह सिखाएंगे कि साइबर ठगी की पहचान कैसे करें, पीड़ित परिवार को शुरुआती 15 मिनट में क्या कदम उठाने चाहिए, 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया, फर्जी कॉल, लिंक, QR कोड और UPI रिक्वेस्ट पहचानने के तरीके, सोशल मीडिया सुरक्षा और पासवर्ड प्रबंधन के आसान उपाय सिखाएंगे.

साइबर अपराध के बारे में जानकारी लेते ग्रामीण.
साइबर पीस फाउंडेशन के संस्थापक एवं ग्लोबल प्रेसिडेंट विनीत कुमार ने कहा कि मोबाइल सुरक्षा आज हर परिवार के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण लोग ट्रैक्टर लॉटरी, नौकरी पंजीकरण और अन्य झूठे लालच में फंसकर पैसे खो देते हैं. इसलिए हर गांव में प्रशिक्षित टीम बनाना बेहद जरूरी है ताकि समय पर कार्रवाई हो सके.
मुरहू प्रखंड प्रमुख एलिस ओडिया और उप प्रमुख अरुण कुमार साबू ने इस पहल की सराहना की और कहा कि पढ़े-लिखे लोग भी ठगी का शिकार हो रहे हैं, इसलिए पंचायत स्तर पर ऐसे कार्यक्रम जरूरी हैं. ग्रामीणों को चेतावनी देते हुए प्रतिनिधियों ने कहा कि किसी भी कॉल पर लॉटरी, “ट्रैक्टर योजना या सरकारी मोटर जैसा लालच मिलने पर तुरंत सावधान हो जाएं और OTP या बैंक जानकारी साझा न करें.

ग्रामीणों को साइबर फ्रॉड के बारे में जानकारी देने पहुंचे विशेषज्ञ.
बाल कल्याण संघ की स्टेट हेड शिवानी प्रिया ने कहा कि बच्चों को बिना सोचे-समझे मोबाइल देना कई बार परिवारों को ठगी की तरफ धकेल देता है. बच्चे गलत लिंक खोल देते हैं और बाद में जालसाज परिवार को डराकर पैसे ऐंठ लेते हैं. इसलिए बच्चों को सुरक्षित डिजिटल आदतें सिखाना बहुत जरूरी है. कार्यक्रम में मुखिया, वार्ड सदस्य और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए और साइबर ठगी से बचाव की जानकारी प्राप्त की.


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