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RU के प्लेसमेंट में सुधार, मगर हजारों छात्रों में सिर्फ 150 का ही हुआ प्लेसमेंट

Ranchi :  रांची विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट के अवसरों में सुधार तो हुआ है, लेकिन इस प्रक्रिया में अभी भी कई सवाल उठ रहे हैं. 2023 में जहां 153 छात्रों का प्लेसमेंट हुआ था, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 180 तक पहुंच गई. 2025 के पहले छह महीनों में 150 छात्रों का प्लेसमेंट हो चुका है और विश्वविद्यालय का लक्ष्य इस साल 200 छात्रों का प्लेसमेंट सुनिश्चित करना है. हालांकि हजारों छात्रों में से केवल कुछ सौ छात्रों को ही प्लेसमेंट मिल पा रहा है, तो बाकी छात्रों का क्या होगा

 

 

 

 

प्लेसमेंट पैकेज में निरंतर वृद्धि


पिछले कुछ सालों में रांची विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट पैकेज में भी सुधार देखा गया है. 2023 में सबसे अच्छा पैकेज 6 लाख रुपये था, जबकि 2024 में यह बढ़कर 7.25 लाख रुपये हो गया. 2025 में अब तक का सबसे अच्छा पैकेज Intelipaat से 9 लाख रुपये का था. 
इसके अलावा, I.T. Nova द्वारा 8.2 लाख रुपये का दूसरा पैकेज और EduStation द्वारा 6 लाख रुपये का तीसरा पैकेज ऑफर किया गया. ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि कुछ छात्रों को अच्छे मौके मिल रहे हैं. लेकिन बड़ी संख्या में छात्रों को अभी भी ये अवसर प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं.


औसत पैकेज में सुधार


रांची विश्वविद्यालय के लिए एक सकारात्मक पहलू यह है कि औसत प्लेसमेंट पैकेज में भी सुधार हुआ है. 2023 में औसत पैकेज 4 लाख रुपये था, वहीं 2024 में यह बढ़कर 4.5 लाख रुपये हो गया.
2025 में यह औसत पैकेज अब 5 लाख रुपये तक पहुंच चुका है. यह वृद्धि संकेत करती है कि गुणवत्ता में सुधार हो रहा है. लेकिन हजारों छात्रों में से कुछ ही चुनिंदा छात्रों को इस लाभ का फायदा हो रहा है.

 

कंपनियों का आना और अधिक अवसर


इस साल अब तक 26 कंपनियां रांची विश्वविद्यालय के कैंपस प्लेसमेंट में शामिल हो चुकी हैं और 2-3 और कंपनियों के आने की संभावना है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इन कंपनियों की संख्या छात्रों की बढ़ती मांग के हिसाब से पर्याप्त है? क्या छात्रों के लिए अधिक अवसर सुनिश्चित किए जा सकते हैं?

 

हजारों छात्रों में से केवल कुछ सौ का प्लेसमेंट क्यों?


रांची विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट के आंकड़े भले ही बढ़ रहे हों, लेकिन अभी भी विश्वविद्यालय में हजारों छात्र ऐसे हैं, जिनका प्लेसमेंट नहीं हो पाया है. यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?


कॉलेज प्रशासन का कहना


कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्रों की उपस्थिति में कमी के कारण उन्हें प्लेसमेंट ड्राइव के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती. इसके अलावा कम उपस्थिति के कारण छात्रों को अकादमिक ज्ञान भी ठीक से नहीं मिल पाता, जिसके कारण वे इंटरव्यू में असफल हो जाते हैं. 
कॉलेज प्रशासन का यह भी कहना है कि कंपनियों की संख्या और खाली पद सीमित होते हैं और इस कारण से योग्य उम्मीदवारों की संख्या भी कम हो जाती है. साथ ही प्लेसमेंट सेल में कर्मचारियों की भी कमी है, जिससे कार्य की गति धीमी हो रही है.

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