Ukraine : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि अगर हम अस्तित्व से जुड़े खतरे का सामना करेंगे, तो ही परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे. बता दें कि युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावनाओं को लेकर चिंताएं लगातार जारी हैं. इसी क्रम में क्रेमलिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर यह बात कही है. दोनों पड़ोसी देशों के बीच जारी संघर्ष के 27 दिन हो गये हैं.
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हमारा विचार घरेलू सुरक्षा को लेकर है
पेस्कोव ने कल मंगलवार को CNN इंटरनेशनल को दिये इंटरव्यू में कहा कि अगर हम अस्तित्व से जुड़े खतरे का सामना करेंगे, तो ही परमाणु हथियारों का प्रयोग कर सकते हैं. कहा कि हमारा विचार घरेलू सुरक्षा को लेकर है और यह सार्वजनिक है. आप परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से जुड़े सभी कारणों के बारे में पढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘तो अगर हमारे देश के अस्तित्व के लिए खतरा आया, तो हमारे कॉन्सेप्ट के हिसाब इसे इनका उपयोग किया जा सकता है.
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हमारा मकसद यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है
यूक्रेन में रूस की गतिविधियों को लेकर पेस्कोव का कहना था कि उनका मकसद पड़ोसी(यूक्रेन) पर कब्जा करना नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका देश आम नागरिकों को निशाना नहीं बना रहा है. प्रवक्ता ने कहा कि कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन की सैन्य ताकतों से छुटकारा पाना है. उन्होंने कहा कि इसलिए हमारी सेना यूक्रेन की धरती पर केवल सैन्य लक्ष्यों और सेना से जुड़ी चीजों को निशाना बना रही हैं, नागरिकों को नहीं.
पुतिन ने कहा था, परमाणु हथियारों को हाई अलर्ट पर रखा है
जान लें कि यूक्रेन पर हमला करने के कुछ दिन बाद ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि उन्होंने देश के रणनीतिक परमाणु ताकतों को हाई अलर्ट पर रखा है. 28 फरवरी को हुई इस घोषणा के बाद से ही पूरी दुनिया चिंतित हो गयी था. पेस्कोव के बयान पर पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मॉस्को के परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल को खतरनाक करार दिया है. उन्होंने कहा, यह एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के काम करने का तरीका नहीं होना चाहिए.
पश्चिमी देशों को यूक्रेन आक्रमण से दूर रखने के लिए हो रहा परमाणु ब्लैकमेल
सर्वविदित है कि रूस के पास परमाणु हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है. इस मामले में पश्चिमी देशों के रक्षा अधिकारियों का कहना है कि पुतिन की तरफ से फरवरी में हुई घोषणा के बाद उन्होंने रूस की परमाणु बलों को जुटाने से जुड़ी गतिविधियां नहीं देखी हैं. जबकि, मॉस्को की तरफ से यह चेतावनी भी जारी का जा चुकी है कि अगर अमेरिका और NATO सहयोगी यूक्रेन को लड़ाकू विमान मुहैया कराते हैं, तो वह युद्ध को तेज और इसका विस्तार कर सकता है. इंटरनेशनल कैंपेन टू एबॉलिश न्यूक्लियर वेपन्स की अगुवा बीट्रिस फिन ने चेतावनी दी थी कि पुतिन पश्चिमी देशों को यूक्रेन आक्रमण से दूर रखने के लिए परमाणु ब्लैकमेल कर रहे हैं.