Sahibganj : महंगाई की ज़द में जकड़ कर कपड़ा व्यवसाय बुरपी तरह कराह रहा है. साहिबगंज ज़िले में कपड़ा बाज़ार की रौनक फ़ीकी पड़ गई है. दुकानों में ग्राहकों की आमद पहले से कहीं ज़्यादा कम हो गई है.
साहिबगंज चौक बाजार स्थित कपड़े के थोक विक्रेता रणजीत सिंह ने बताया कि नमक, तेल, दवा, आटा, चावल जैसे रोज़मर्रा के चीज़ों के ही कीमत आसमान छू रहे हैं. महंगाई के कारण आम आदमी दो जून की रोटी ही बमुश्किल जुगाड़ कर पा रहा है. ऐसे में लोग कपड़ा खरीदारी का बोझ कहां से उठा पाएंगे. दूसरी तरफ़ जीएसटी ने आम आदमी से लेकर व्यापारी तक का जीना मुहाल कर दिया है. महंगाई और बेरोज़गारी की चौतरफ़ा मार ने कपड़ा व्यवसाय को लहूलुहान कर दिया है. बाज़ार सिकुड़ कर आधा हो गया है. सरकार राहत देने के बजाय झटका देदते जा रही है.
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