NewDelhi : कांग्रेस पार्ट एक डूबती नाव है. इस पार्टी की वजह से मुझे नुकसान हुआ है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कल बिहार के हाजीपुर में कांग्रेस पर बरसे, उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि उन्होंने फैसला लिया है कि वह इस पार्टी के साथ कभी भी काम नहीं करेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की वजह से उनका चुनाव ट्रैक रिकॉर्ड खराब हुआ है. उन्होंने कहा कि यह पार्टी खुद नहीं सुधरती है और हमको भी डुबा देगी.
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वैसे कांग्रेस के प्रति मेरा सम्मान बहुत है
हालांकि प्रशांत किशोर का कहना था कि वैसे कांग्रेस के प्रति मेरा सम्मान बहुत है. लेकिन मौजूदा हालत कांग्रेस की यही है. कहा कि साल 2011 से 2021 के बीच 11 चुनाव से जुड़ा रहा. जिसमें एक ही चुनाव हारे. तभी से तय कर लिया था कि इन लोगों के साथ काम नहीं करेंगे. कहा कि हार के बाद हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है.
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुए मतभेद का कारण भी प्रशांत किशोर ने बताया, कहा कि अगर किसी नौजवान लड़के को सरकारी नौकरी मिलती है तो ठीक है. उसे भी सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए. मान लीजिए कि आप सिंचाई के जानकार हैं, हम तो सरकार में है नहीं, लेकिन अगर मौका दें तो हम 2 साल के लिए यहां आकर काम कर सकें. इसी बात को लेकर पीएम मोदी से उनके रिश्ते में खटास आयी थी.
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नीतीश कुमार ने कहा, आप बिहार में आकर काम कीजिए
पीके ने कहा कि 2015 में नीतीश कुमार मिले. उन्होंने कहा कि आप बिहार में आकर काम कीजिए. इसलिए बिहार विकास मिशन करके एक योजना शुरू की गयी थीं. उसमें कुछ यंग युवकों को नौकरी मिली, लेकिन जितना मैं चाहता था, उतना नहीं हुआ. इसके बाद मैं भी यहां से चला गया. 2015 में बिहार में महागठबंधन का चुनाव कराया. 2017 में पंजाब का चुनाव जीता. 2019 में जगन मोहन रेड्डी के साथ आंध्र प्रदेश का चुनाव जीता. 2020 में केजरीवाल के साथ दिल्ली का चुनाव जीता.
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2021 में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल का चुनाव जीता
2021 में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल का चुनाव जीता 2017 में एक चुनाव उत्तर प्रदेश हार गये. इसलिए तय कर लिया कि कांग्रेस के साथ नहीं जायेंगे. साल 2011 से 2021 के बीच 11 चुनाव से जुड़ा रहा, जिसमें एक ही चुनाव हारे. वह उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव है, जिसमें मैं कांग्रेस के साथ था. तभी से तय कर लिया कि इन लोगों के साथ कभी काम नहीं करेंगे.
पश्चिम बंगाल में एक तरह से भाजपा से शर्त लग गयी थी
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक तरह से भाजपा से शर्त लग गयी थी. हमने कहा था कि बीजेपी ना केवल हारेगी बल्कि 100 के नीचे रोक देंगे. नहीं रोक पाये तो काम छोड़ देंगे. चुनाव परिणाम आया तो 77 पर बीजेपी को रोक दिये. भगवान का आशीर्वाद है. जब मेरी बात सही हो गयी तो सोचा कि इस फील्ड में बहुत हो गया, अब कुछ नया करते हैं
500 पेज की पीडीएफ से कांग्रेस को सुधारने चले थे
गौरव नाम के टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया कि फिर भी प्रशांत किशोर जैसे लोग कांग्रेस के पास बार-बार मुंह उठाकर चले जाते हैं क्योंकि इन जैसों को पता है कि जो हासिल हो सकता है वह कांग्रेस में शामिल होकर या फिर कांग्रेस की बुराई करके. स्वेता नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा. इतना कन्फ्यूजन तो साहब को भी नहीं होता. प्रदीप मौर्या ने हंसने वाली इमोजी के साथ लिखा कि वो 500 पेज की पीडीएफ से कांग्रेस को सुधारने चले थे.
राहुल गांधी ने टिकट देने से मना कर दिया
आलोक पाठक नाम के एक यूज़र लिखते हैं कि लगता है कि प्रियंका गांधी ने राज्यसभा भेजने का वादा किया था लेकिन राहुल गांधी ने टिकट देने से मना कर दिया. तभी से यह ऐसे बयान दे रहे हैं. मनीष नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – लगता है इस बार कांग्रेस वालों ने अभी तक पैसा नहीं दिया. सौम्या नाम की एक यूजर लिखती हैं कि कभी कहते हैं, कांग्रेस के बिना विपक्ष नहीं है और कभी कहते हैं कांग्रेस सबको ले डूबेगी. अरे भाई तय तो कर लो.