Ranchi : झारखंड के सभी जिलों में बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पिछले वर्ष बालू घाट से राज्य सरकार को करीब दो हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था और इस बार बालू घाट की नीलामी से सरकार तीन हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने की कोशिश में है.
बालू घाटों का संचालन कैबिनेट से स्वीकृति प्राप्त- द झारखंड सैंड माइनिंग रूल्स-2025 के तहत ई-ऑक्शन के माध्यम से किया जाना है. नए नियम के तहत खनन कार्य चालू होने के दिन से पांच सालों तक बालू घाटों की लीज अवधि दी जाएगी और राज्य में किसी भी व्यक्ति को 1000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के लिए बालू खनन का पट्टा नहीं दिया जाएगा.
सितंबर के पहले पखवाड़े (15 सितंबर) तक राज्य के तमाम व्यावसायिक बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया पूर्ण कर लेने का निर्देश दिया गया है. राज्य के सभी जिलों में छोटे-बड़े बालू घाटों को मिलाकर कुल 60 समूह बनाये गये हैं.
इसमें पलामू जिले में सात, देवघर और गिरिडीह जिले में पांच-पांच, लोहरदगा, गढ़वा, पूर्वी सिंहभूम और दुमका जिले में चार-चार, रांची, खूंटी और जामताड़ा जिले में तीन-तीन, चतरा, सरायकेला, बोकारो और गुमला जिले में दो-दो, लातेहार, पाकुड़, धनबाद, रामगढ़, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, गोड्डा, हजारीबाग, कोडरमा, साहिबगंज में एक-एक समूह बनाया गया है.
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