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संथाली भाषा आदिवासी संस्कृति, परंपराओं की जीवंत अभिव्यक्ति है : सीएम

Ranchi: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि आज के दिन वर्ष 2003 में संथाली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर आधिकारिक दर्जा दिया गया था. सीएम ने आज के इस ऐतिहासिक दिन पर सभी को शुभकामनाएं और बधाई दी. 


कहा कि संथाली भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध आदिवासी संस्कृति, परंपराओं, इतिहास और पहचान की जीवंत अभिव्यक्ति है. पंडित रघुनाथ मुर्मू ने संथाली भाषा को ओल-चिकी लिपि के माध्यम से जो सम्मान और संरचना दी, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर है. 


अबुआ सरकार झारखंड की सभी आदिवासी एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि हमारी भाषाई विरासत सुरक्षित रहे और नई पीढ़ी उससे गर्व के साथ जुड़ सकें.

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