Lagatar Desk : ओडिशा के जाने-माने मूर्तिकार और राज्यसभा सांसद रघुनाथ मोहापात्रा का रविवार को निधन हो गया. वे पिछले सप्ताह कोरोना से संक्रमित हुए थे. इसके बाद से उनका भुवनेश्वर के एम्स में इलाज चल रहा था. 1943 में जन्मे मोहापात्रा पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित थे. रविवार को दिन के तीन बजकर 49 मिनट पर 78 साल की उम्र में उनके निधन की जानकारी भुवनेश्वर एम्स की तरफ से दी गई.
पीएम मोदी सहित गणमान्यों ने जताया शोक
रघुनाथ का निधन ओडिशा के साथ देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ ही उनके परिवार के साथ टेलीफोन के जरिए चर्चा की थी. उनके निधन पर प्रधानमत्री मोदी के साथ राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व अन्य कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक प्रकट किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा की कला के प्रति उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. कारू कार्य और पत्थर पर खुदाई कर एक सुप्रसिद्ध शिल्पी के तौर पर रघुनाथ महापात्र ने ओडिशा के साथ देश व दुनिया में अपनी ख्याति स्थापित की थी. उनकी कृतियां ही उनका परिचय थीं. उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं करने के बावजूद अपनी उच्च आकांक्षा के बल पर राज्य की ख्याति को उन्होंने पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम किया था.
कारू कला के जाने-माने कलाकार थे
पुरी जिले के सदर ब्लाक खपुरिया गांव में 24 मार्च, 1943 को रघुनाथ मोहापात्रा का जन्म हुआ था. रघुनाथ युवा काल में ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनावा दिया था. राज्य में अनेक आकर्षणीय कारूकार्य उनके हाथों से जीवंत हो गए है. उनके इसी कृति के लिए 1975 में केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था. इसके बाद सन् 2001 में उन्हें पद्म भूषण तथा 2013 में पद्म विभूषण सम्मान से केंद्र सरकार ने सम्मानित किया था. 2016 में ओडिशा सरकार ने उन्हें ललित कला एकेडमी का अध्यक्ष बनाया था. राज्यसभा सांसद के तौर पर भी मनोनीत होकर वह राज्यसभा के सदस्य बने थे.