Ranchi: झारखंड सचिवालय सेवा संघ की आपातकालीन बैठक बुधवार को हुई. इसमें निर्णय लिया गया कि सर्वप्रथम मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से मिलकर स्थिति को अवगत कराया जाएगा कि कैसे सेवा के पदाधिकारियों के साथ अन्याय किया गया है. फिटमेंट टेबल की वापसी एवं राशि की वसूली का मामला बिना सम्यक समीक्षा के मंत्रीपरिषद में प्रस्तुत की गई है. संघ के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने बताया कि झारखंड सचिवालय सेवा संघ द्वारा इस विषय पर आंदोलनात्मक और कानूनी दोनों पहलुओं पर विचार करने का निर्णय लिया गया है. मंत्रीपरिषद में लिए गए निर्णय का पुरजोर विरोध किया गया एवं घोर भर्त्सना की गई. बैठक में सचिवालय सेवा के पदाधिकारी के साथ साथ निजी सहायक/आशुलिपिक सेवा संघ के पदाधिकारी भी शामिल थे.
क्या है कैबिनेट का निर्णय
छठे पुनरीक्षित वेतनमान के परिपेक्ष्य में जनवरी 2006 के पूर्व पदस्थापित झारखंड सचिवालय के सहायक के वेतन निधार्रण के संकल्प को निरस्त करने की स्वीकृति दी गई.
इसे भी पढ़ें – इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादित आदेश “पजामे का नाड़ा तोड़ना, सीने को पकड़ना दुष्कर्म नहीं” पर सुप्रीम कोर्ट की रोक