- विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने भी की 15 दिन के लॉकडाउन की मांग
- कांग्रेस की महगामा विधायक ने Lockdown को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
- बढ़ते कोरोना संक्रमण और सचिवालय में होते तेज प्रसार को देख संघ ने लिया निर्णय
Ranchi: झारखंड में कोरोना महामारी के चलते स्थिति काफी भयावह होती जा रही है. लोग महामारी के शिकार हो रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस की महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने मुख्यमंत्री से अगले 15 दिनों के लिए राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की मांग की है. कोरोना संक्रमण का प्रभाव झारखंड सचिवालय तक भी पहुंच गया है.
बीते दिनों से लेकर रविवार तक सचिवालय संघ के कई कर्मी कोरोना संक्रमित हो गए हैं. इसे देखते हुए झारखण्ड सचिवालय सेवा संघ के सदस्य 19 से 23 अप्रैल तक जनहित में सामूहिक अवकाश पर रहने के फैसला किया है. इस दौरान सचिवालय कर्मी व आवश्यक कार्यों में संलग्न पदाधिकारी अपना कार्य पूर्ववत करते रहेंगे. कार्यालय में अति आवश्यक कार्य होने पर सभी लोग टेलीफोन पर उपलब्ध रहेंगे और अति आवश्यक स्थिति में बुलाए जाने पर उस कार्य को निष्पादित कर वापस घर आ जाएंगे.
कांग्रेस विधायक ने कहा है कि लॉकडाउन लगाने से पूर्व मुख्यमंत्री राज्य के सभी व्यवसायिक बंधुओं का सहयोग लेते हुए आवश्यक सामग्री की दुकान खुलने की समय अवधि निर्धारित करें. इसके साथ ही मेडिकल स्टोर 24*7, दिहाड़ी मजदूर भाइयों के लिए भोजन की व्यवस्था करने व पंचायत लेवल पर दाल भात केंद्र खोलने की दिशा में काम किया जाये. अगले 15 दिनों के लिए राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की व्यवस्था की जाये. बता दें इससे पहले शनिवार शाम मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुलाई सर्वदलीय बैठक में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी भी सरकार से संपूर्ण रोक लगाने की मांग की थी. वहीं रविवार को कांग्रेस के तीन कार्यकारी अध्यक्षों राजेश ठाकुर, मानस सिन्हा, संजय लाल पासवान ने भी लगातार.इन से बातचीत में कहा था कि स्थिति जैसी होते जा रही है, उसे देखते हुए राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की आवश्यकता है.
बता दे कि 3 दिन पहले सचिवालय कर्मियों ने मांग की थी कि बढ़ते संक्रमण को देख सरकार रोस्टर पर काम करने के आदेश जारी करे. नहीं तो वे सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे. हालांकि बाद में मुख्य सचिव ने रोस्टर पर कर्मियों के सचिवालय आने की अनुमति दे दी थी, लेकिन फिर भी सचिवालय में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देख कर्मियों ने सामूहिक अवकाश का फैसला लिया है.