Ranchi: स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग रांची विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं संस्कृत भाषा विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसका विधिवत शुभारंभ विभागीय प्राध्यापकों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलन के साथ हुआ. मंच संचालन जगदम्बा प्रसाद सिंह, धन्यवाद ज्ञापन जगन्मय विश्वास तथा मंगलाचरण पूर्वा राय चौधरी ने किया. इसे भी पढ़ें-लातेहार">https://lagatar.in/three-tpc-militants-killed-in-latehar-zonal-commander-injured-in-hisrat-shot-in-the-waist/">लातेहार
में टीपीसी के तीन उग्रवादी ढेर, घायल जोनल कमांडर हिसारत में, कमर में गोली लगी डॉ चन्द्रशेखर मिश्र ने कहा कि शिक्षा ऐसी हो जो रोजगार परक हो, राष्ट्र व समाज के लिए हितकर हो, इसमें तकनीक का प्रयोग हो, शिक्षित लोगों को रोजगार में जोड़ सके और यह सभी संभावनाएं राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिखायी देती हैं. डॉ प्रकाश सिंह ने कहा संस्कृत भाषा निश्चित रूप से वर्तमान शिक्षा नीति के निर्धारित सोपानओं के आधार पर अपने विकास पत्र की ओर अग्रसर होगी. भाषा के विकास के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति त्रिभाषा के मजबूत विकल्प के रूप में पुष्पित पल्लवित होगी और भारत पुनः विश्वगुरु पद को प्राप्त होगा. इसे भी पढ़ें-घाटशिला">https://lagatar.in/advocates-of-ghatshila-bar-joined-lawyers-defense-welfare-society/">घाटशिला
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रांची विवि के संस्कृत विभाग में संगोष्ठी का हुआ आयोजन

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