Seraikela (Bhagya Sagar Singh) : झारखंड प्रदेश पान-तांती-स्वांसी कल्याण समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर तांती कहे जाने वाले पान जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग की. इसके साथ ही तांती एवं पान जाति को लेकर उत्पन्न भ्रामक स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी. इस संदर्भ प्रतिनिधिमंडल द्वारा एक ज्ञापन भी सौंपा गया. ज्ञापन में कहा गया है कि झारखण्ड सरकार द्वारा अभी तक तांती कहे जाने वालों को अनुसूचित जाति का लाभ देने से वंचित रखा गया है.
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जबकि उड़ीसा एवं बिहार राज्य में यह लाभ मिल रहा है. बिहार और झारखण्ड जनजातीय कल्याण शोध संस्थान रांची के प्रासंगिक प्रतिवेदन से पता चलता है कि पान एवं तांती जाति दोनो एक हैं. तांत से कपड़ा बुनाई का काम करने के कारण ही इनका उपाधि तांती हो गई. वास्तव में तांती कहे जाने वाले पान जाति के ही हैं.
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