Ranchi : झारखंड की राजनीति और आदिवासी अधिकारों की लड़ाई का एक बड़ा चेहरा रहे दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली. 81 वर्षीय शिबू सोरेन ने न सिर्फ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की नींव रखी, बल्कि राज्य के गठन से लेकर तीन बार मुख्यमंत्री बनने तक का ऐतिहासिक सफर तय किया. आदिवासी समाज की आवाज को राष्ट्रीय पटल तक पहुंचाने वाले इस संघर्षशील नेता की जिंदगी कई अहम पड़ावों से गुजरी, जिसने झारखंड की राजनीति को नई दिशा दी.
शिबू सोरेन की जिंदगी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण तारीखें
- 11 जनवरी 1944 : जन्म, नेमरा गांव, रामगढ़ (तत्कालीन हजारीबाग), झारखंड (तत्कालीन बिहार).
- 1957 : पिता सोबरन सोरेन की हत्या, जिसके बाद शिबू ने सामाजिक और राजनीतिक सक्रियता बढ़ाई.
- 4 फरवरी 1973 : झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना.
- 15 नवंबर 2000 : झारखंड राज्य का गठन, जिसमें सोरेन के आंदोलन की अहम भूमिका.
- 2 मार्च से 12 मार्च 2005 : पहली बार 10 दिनों के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री बने,
- 27 अगस्त 2008 से 11 जनवरी 2009 : दूसरी बार मुख्यमंत्री बने.
- 30 दिसंबर 2009 से 31 मई 2010 : तीसरी बार मुख्यमंत्री बने.
- 1980, 1986, 1989, 1991, 1996, 2004, 2009 और 2014 : दुमका से लोकसभा सांसद चुने गए.
- 2020 : राज्यसभा सांसद बने.
- 4 अगस्त 2025 : दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
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