सिक्वेंसिंग खरीद में देरी पर HC नाराज, कहा – क्या हर काम के लिए देंगे सरकार को निर्देश
झारखंड ने बनाया है मॉब लिंचिंग कानून
बता दें कि झारखंड सरकार ने निर्बल और असहाय लोगों को मदद करने के मकसद से झारखंड भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 को पारित किया है. इस विधेयक के तहत भीड़ लिंचिंग के पीड़ित परिवार को कम से कम 5 लाख का मुआवजा और दोषियों को लाइफटाइम सजा का प्रावधान है. सिमडेगा में हुए लिंचिंग के शिकार युवक संजू प्रधान की हत्या कोलेबिरा के गांव में जिंदा जला कर दी गई थी. इस घटना में 250 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है. याचिकाकर्ता पंकज कुमार यादव ने जनहित याचिका के माध्यम से यह मांग की है कि सभी आरोपियों को चिन्हित कर कार्रवाई हो. इसके साथ नए बने कानून के तहत पूरे परिवार को मुआवजा मिले. पंकज यादव ने कहा कि जब तक मॉब लिंचिंग कानून को कड़ाई से लागू नहीं किया जाता है, तब तक भीड़ कानून को हाथ में लेती रहेगी. लोग डायन बिसाही मामला, झाड़ - फूंक मामला,जमीन विवाद मामला तथा अपनी निजी दुश्मनी को भी निकालने के लिए मॉब लिंचिंग का रूप देते हैं. और इन सभी मामलों पर रोक लगाना बहुत जरुरी है . पंकज यादव इससे पहले तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड हाई कोर्ट के दरवाजे खटखटा चुके हैं. तब उस मामले में 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. इसे भी पढ़ें –SBM">https://lagatar.in/sbm-toilet-only-on-paper-scam-of-more-than-1000-crores-in-the-name-of-toilets-in-jharkhand/">SBM: सिर्फ कागजों में TOILET, झारखंड में शौचालय के नाम पर 1000 करोड़ से ज्यादा का घोटाला [wpse_comments_template]

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