मारू के सिटी मॉल का विवाद : 49.5 डिसमिल जमीन के स्थान पर 49.5 कट्ठा करा लिया गया रजिस्ट्री और जमाबंदी
73,386 आदिम जनजाति परिवार को मिल रहा है डाकिया योजना का लाभ
डाकिया योजना हेमंत सरकार ने जारी रखी है. वर्तमान में पूरे राज्य में आदिम जनजातियों की जनसंख्या 2.92 लाख है. राज्य में आदिम जनजातियों की स्थिति, अनाज की व्यवस्था, सरकारी योजनाओं से मिल रहा लाभ आदि बातों पर ध्यान में रख पूर्व सरकार ने वर्ष 2017 में योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के कुल लाभुक 73,386 हैं, जो कि वर्ष 2017 की संख्या के बराबर ही है.क्या है डाकिया योजना
विशिष्ट जनजातियों का खाद्यान्न सुरक्षा योजना के (डाकिया योजना) के तहत चयनित आदिम जनजातियों समुदायों के घर तक, बंद बोरी में नि:शुल्क 35 किलोग्राम चावल पहुंचाया जाना है. इसे भी पढ़ें- गांधी">https://lagatar.in/rahul-attack-modi-government-on-gandhi-jayanti-posted-video-only-one-satyagrahi-is-enough-for-victory/">गांधीजयंती पर मोदी सरकार को राहुल ने घेरा , वीडियो पोस्ट किया, विजय के लिए केवल एक सत्याग्रही ही काफी
डाकिया योजना को लेकर मिलती रही है शिकायत
कई स्थानों पर लाभुकों को 35 किलो चावल के स्थान पर 30 किलो अनाज दिये जाने का मामला भी सामने आया है. वहीं, दो माह में एक बार अनाज मिलने की का मामला भी सामने आ चुका है.2.92 लाख हैं आदिम जनजाति
राज्य में 32 जनजातियां हैं, जिनमें आठ जनजातियों को आदिम जनजाति ग्रुप्स (पीवीटीजी) यानी रखा गया है, जो विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं. इनमें असुर, बिरहोर, बिरजिया, कोरबा, परहिया (बैगा), सबर, माल पहाड़िया और सौरिया पहाड़िया शामिल हैं. राज्य में कुल आबादी का 27.67 फीसदी हिस्सा जनजातियों का है. 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में आदिम जनजातियों की संख्या 2,92,395 है.किस जिले में कितने परिवार को मिलता है डाकिया योजना का लाभ
- जिला लाभुकों की संख्या
- हजारीबाग 741
- सरायकेला 630
- लोहरदगा 616
- कोडरमा 394
- रांची 323
- प. सिंहभूम 275
- सिमडेगा 252
- रामगढ़ 222
- गिरिडीह 181
- बोकारो 127
- धनबाद 44
- खूंटी 16
- साहिबगंज 11,982
- पाकुड़ 11,770
- गढ़वा 8,670
- गोड्डा 7,940
- दुमका 7,221
- पू. सिंहभूम 5,162
- लातेहार 4,049
- पलामू 4,020
- गुमला 3,391
- देवघर 2,893
- चतरा 1,524
- जामताड़ा 943
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