Ranchi: राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशों के तहत वर्ष 2021-22 में मनरेगा योजनाओं के तहत समवर्ती सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) किया जाना है. शुक्रवार को इसके पहले चरण में कुल 500 पंचायतों का अंकेक्षण शुरू किया गया. इसमें उन पंचायतों को शामिल किया गया है जहां ज्यादा मानवदिवस सृजित हुए हैं. यह प्रक्रिया भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के एनुअल मास्टर सर्कुलर के तहत है. इससे काम के दौरान ही समस्याओं का समाधान किये जाने का प्रयास किया जाएगा. अंकेक्षण के लिए हर पंचायत में 4 लोगों की टीम भेजी गयी है. इस टीम में 2 सदस्य सोशल ऑडिट यूनिट के होगों और 2 सदस्य संबंधित पंचायत के मनरेगा मजदूर मंच से संबधित मजदूर होंगे. इसे भी पढ़ें-
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इस अंकेक्षण के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान ही उनकी सामुदायिक निगरानी की जाएगी, ताकि उसमें जरूरत के अनुसार सुधार किया जा सके. इस दौरान समुदाय को उनके हक और अधिकार की जानकारी दी जाती है, ताकि वे खुद अपने हित के लिए चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा कर सके. मनरेगा में कार्य करने के लिए मजदूरों को प्रोत्साहित किया जा सके. मजदूरों की शिकायतों का समय पर निवारण किया जा सके. मजदूरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सके, आदि. इसे भी पढ़ें-
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इस अंकेक्षण में उन्हीं योजनाओं को शामिल किया गया है, जिनका मस्टर रोल निकाला गया है या अंकेक्षण के दौरान वे योजना चालू हों. अंकेक्षण की प्रक्रिया में योजना कार्य स्थल का भ्रमण कर धरातल पर योजना की वास्तविक स्थिति और कार्य प्रणाली, मस्टर रोल की उपलब्धता, भुगतान, मस्टर रोल के अनुसार मजदूरों की उपस्थिति, कार्यस्थल सुविधाएं आदि शामिल हैं. इसके साथ ही मजदूरों से चर्चा कर जॉब कार्ड, मजदूरी भुगतान आदि समस्याओं को चिन्हित किया जाएगा. इसके समाधान के लिए संबंधित पदाधिकरियों को तुरंत कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया गया है.
अंकेक्षण का प्रतिवेदन के आधार पर तुरंत की जाएगी कार्रवाई
हर पंचायत में समवर्ती सामाजिक अंकेक्षण के पूरा होने के बाद एक प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा. उसकी एक कॉपी पंचायत को दी जायेगी. प्रतिवेदन के आधार पर तुरंत कार्रवाई करते हुए इसकी सूचना पंचायत प्रखंड से प्राप्त कर जिला द्वारा सोशल ऑडिट यूनिट और मनरेगा को भेजा जाएगा. [wpse_comments_template]
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