NewDelhi : थोपी गयी चुप्पी से देश की समस्याओं का हल नहीं होगा. भारत के लोगों ने यह सीख लिया है कि जब आज की स्थिति को समझने की बात आती है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरकतें उनके शब्दों से कहीं अधिक जोर से बोलती हैं. यह शब्द कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के हैं.
बहुत दिन की चुप्पी के बाद सोनिया गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हल्ला बोला है. सोनिया ने द हिंदू में लिखे लेख में यह सब कहा है.
विपक्ष को बेरोजगारी, बजट, अडानी जैसे मुद्दे उठाने से रोका गया
सोनिया गांधी के अनुसार प्रधानमंत्री और उनकी सरकार लोकतंत्र के सभी तीन स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त कर रही है. उनके कामों से लोकतंत्र और लोकतांत्रिक जवाबदेही के लिए तिरस्कार का प्रदर्शन होता है. सोनिया ने अपने आर्टिकल में संसद में हुईं घटनाओं का भी जिक्र करते हुए लिखा, पिछले सत्र में हमने उस सरकारी रणनीति को देखा, जिसके तहत विपक्ष को बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, सामाजिक विभाजन, बजट और अडानी जैसे मुद्दे उठाने से रोका गया.
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45 लाख करोड़ का बजट बिना किसी बहस के पास कर दिया गया
सरकार ने विपक्ष के विरोध का सामना करने के लिए कई उपायों का सहारा लिया. इनमें भाषणों को हटाना, चर्चा को रोकना, संसद सदस्यों पर हमला करना और आखिर में कांग्रेस के एक सांसद को तेज गति से अयोग्य घोषित करार दे दिया गया. इसका नतीजा हुआ कि लोगों के 45 लाख करोड़ का बजट बिना किसी बहस के पास कर दिया गया. यहां तक कि जब लोकसभा में वित्त विधेयक पारित किया गया तब पीएम अपने व्यापक मीडिया कवरेज वाले निर्वाचन क्षेत्र में रियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे.
जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया
सोनिया गांधी ने अपने लेख में आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है. 95प्रतिशत राजनीतिक मामले सिर्फ विपक्षी नेताओं के खिलाफ दायर किये गये. लिखा कि जो भाजपा में शामिल हो गये, उनके खिलाफ केस चमत्कारिक रूप से गायब हो गये.
बिलकिस बानो के रेप के दोषियों को छोड़ दिया गया
सोनिया गांधी ने लिखा, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है. पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और थिंक टैंक के खिलाफ मामले अप्रत्याशित हैं. प्रधानमंत्री सच्चाई और न्याय को लेकर दिखावटी बयान देते हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री के चुने हुए व्यवसायियों पर वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों को भी नजरअंदाज किया जाता है. मेहुल चौकसी और बिलकिस बानो का जिक्र किया.
लिखा कि इंटरपोल भगोड़े मेहुल चौकसी के खिलाफ नोटिस वापस ले लेता है. बिलकिस बानो के रेप के दोषियों को छोड़ दिया गया. सोनिया के अनुसार न्यायपालिका की विश्वसनीयता को कमजोर किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री कुछ रिटायर जजों को एंटीनेशनल करार देकर उन्हें चेतावनी दे रहे हैं कि उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी.