कैसे हुई पार्टी में एंट्री
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में हुई हत्या के बाद पीवी नरसिम्हा राव और सीताराम केसरी जैसे दिग्गज नेताओं ने पार्टी की कमान संभाली थी. उस दौरान पार्टी में फैली कलह और कई बड़े नेताओ की मांग पर सोनिया गांधी ने 14 मार्च 1998 को पार्टी अध्यक्ष का पदभार संभाला था. जिसके बाद वो काफी लंबे समय तक पार्टी की अध्यक्ष रहीं. हालांकि 2017 में राहुल गांधी की ताजपोशी हुई. लेकिन वो दो साल ही अध्यक्ष रह सके क्योंकि 2019 के आम चुनावों में हार के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया था. इस घटनाक्रम के कारण सोनिया गांधी को एक बार फिर हॉट सीट पर लौटना पड़ा.पार्टी में सक्रिय भूमिका का प्रस्ताव ठुकरा दिया था
गौरतलब है कि 1991 में अपने पति राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी में सक्रिय भूमिका का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. हालांकि कुछ सालों के बाद उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओ के कहने पर 1997 में कोलकाता अधिवेशन के दौरान पार्टी की प्राथमिक सदस्यता हासिल की और कुछ महीने के बाद ही सर्व सम्मति से पार्टी की अध्यक्ष चुन ली गईं. मूल रूप से विदेशी जमीन पर पली बढ़ीं सोनिया गांधी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से शादी के बाद भारत आईं. उनके विदेशी मूल का मुद्दा देश में अक्सर उठता रहा है. इसे भी पढ़ें – स्पीकर">https://lagatar.in/five-mlas-of-jharkhand-democratic-front-met-speaker-ravindra-nath-mahto/">स्पीकररविंद्र नाथ महतो से मिले झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के पांचों विधायक
सोनिया ने कहा था- आखिरी सांस तक मैं भारतीय ही रहूंगी
एक बार जब उनका विरोध काफी बढ़ गया, तब सोनिया ने कांग्रेस कार्य समिति को लिखे एक पत्र में कहा था- `हालांकि, मैं विदेशी धरती पर पैदा हुई हूं, मैंने भारत को अपना देश चुना है और आखिरी सांस तक मैं भारतीय ही रहूंगी. भारत मेरी मातृभूमि है और यह मुझे अपने जीवन से ज्यादा प्यारी है.`मुलायम ने दिया था झटका
17 अप्रैल 1999 को सिर्फ एक वोट से केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के गिरने के बाद सोनिया गांधी ने 21 अप्रैल को राष्ट्रपति केआर नारायणन से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा किया. राष्ट्रपति भवन की उस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा- `हमारे पास 272 का आंकड़ा है. वहीं कुछ और लोग भी हमारे साथ आ रहे हैं.` लेकिन समाजवादी पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कह दिया कि वो कांग्रेस को समर्थन नहीं दे रहे हैं. ये सोनिया गांधी के लिए बड़ा झटका था. वो सपा और लेफ्ट के समर्थन से सरकार बनाना चाहती थीं. इसे भी पढ़ें – बिहारः">https://lagatar.in/bihar-cm-nitish-kumar-furious-at-the-speaker-said-the-house-will-not-run-like-this/">बिहारःसीएम नीतीश कुमार स्पीकर पर भड़के, कहा- इस तरह नहीं चलेगा सदन

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