- बरेली में सपा नेताओं की एंट्री पर रोक
- लखनऊ में ही रोके गए माता प्रसाद पांडे
- घर से बाहर निकलने पर भी पाबंदी
Bareli : बरेली में हालात अब शांत हैं. लेकिन शहर में सख्ती बरकरार है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई है. सुरक्षा के मद्देनजर राजनीतिक दलों के नेताओं को जाने से रोका जा रहा है.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधिमंडल बरेली जाने की तैयारी में था. लेकिन सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी.
प्रशासन की ओर से माता प्रसाद पांडे को बरेली न जाने का नोटिस भी थमा दिया गया. उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है. माता प्रसाद के लखनऊ स्थित आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं.
#WATCH लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा, "...(बरेली)जाने से पहले ही मुझे एक नोटिस थमा दिया और दरोगा ने मुझे कहा कि आपको अपने घर में रहना है, घर से बाहर नहीं निकलना है...बरेली के जिलाधिकारी की चिट्ठी आई और उन्होंने भी यही कहा कि… https://t.co/HDSixwxJAy pic.twitter.com/vyN0n5dujM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 4, 2025
अपनी कमियों को छिपाने के लिए मुझे जाने से रोका जा रहा : माता प्रसाद
सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि बरेली जाने से पहले ही मुझे एक नोटिस थमा दिया और दरोगा ने मुझे कहा कि आपको अपने घर में रहना है, घर से बाहर नहीं निकलना है. बरेली के जिलाधिकारी की चिट्ठी आई और उन्होंने भी यही कहा कि वहां मेरे जाने से माहौल बिगड़ेगा, आप वहां ना आएं. उन्होंने कहा कि हम माहौल नहीं बिगाड़ते हैं. आरोप लगाया कि प्रशासन अपनी कमियों को छिपाने के लिए हमें वहां जाने से रोक रहा है.
प्रशासन की बिना अनुमति बरेली में एंट्री नहीं
जिला प्रशासन की ओर से साफ कर दिया गया है कि फिलहाल बरेली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू है. इसके तहत बिना अनुमति कोई भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि जिले में प्रवेश नहीं कर सकता. प्रशासन ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि ऐसी किसी भी कोशिश को सीमाक्षेत्र में ही रोका जाए.
अब हालात काबू, पर इंटरनेट अभी भी बंद
बरेली के चार इलाकों में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में शुक्रवार की नमाज शांति से संपन्न हुई. हालांकि, सुरक्षा के मद्देनजर इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं अभी भी बंद रखी गई हैं.
2000 से ज्यादा लोगों पर केस, 81 गिरफ्तार
बता दें कि 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई थी. इस उपद्रव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इसके बाद पुलिस ने 2000 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, जबकि 10 एफआईआर में लोगों को नामजद किया गया. मौलवी तौकीर रजा खान सहित अब तक कम से कम 81 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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