Ranchi : यूजीसी-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (MMTTC) रांची विश्वविद्यालय में आयोजित Guru Dakshta 25th Faculty Induction Program के अंतर्गत आज Emotional Development & Counseling मॉड्यूल पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम 1 अगस्त से 28 अगस्त 2025 तक चल रहा है.
विशेष व्याख्यान डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची के अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष डॉ विनय भरत द्वारा दिया गया. कार्यक्रम का समन्वय निखिल लकड़ा द्वारा किया गया.
डॉ विनय भरत ने अपने व्याख्यान छोटे बच्चों को जानें क्योंकि The Child is the Father of Man के माध्यम से बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास, व्यवहार और उनकी भावनात्मक जरूरतों को समझने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे सहज, निडर, खुशमिजाज और बुद्धिमान होते हैं परंतु जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं. ये गुण सामाजिक और शैक्षणिक दबावों के कारण कम हो सकते हैं.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि माता-पिता और शिक्षक यदि बच्चों पर अनावश्यक दबाव डालें तो इससे उनका आत्मविश्वास और रचनात्मकता प्रभावित हो सकती है. बच्चों को अनुशासित करने के लिए उन्होंने 3F सिद्धांत—Firm (दृढ़), Fair (न्यायपूर्ण), और Fun (मनोरंजक)—का सुझाव दिया.
व्याख्यान के दौरान डॉ भरत ने उदाहरणों और प्रेरक कहानियों के माध्यम से यह बताया कि बच्चों को अधिक सुनना, उनके विचारों को सम्मान देना और उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने संस्कृत श्लोक लालयेत् पञ्चवर्षाणि को सरल भाषा में समझाकर बच्चों के पालन-पोषण में संतुलन की आवश्यकता को स्पष्ट किया.
कार्यक्रम में झारखंड, बिहार सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षकों ने भाग लिया. प्रतिभागियों ने इस सत्र को अत्यंत प्रेरणादायक और व्यावहारिक बताया.
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