सीबीआई जांच की मांग कर रही है. लेकिन राज्य सरकार केवल एसआइटी गठित कर मामले में सिर्फ खानापूर्ति कर रही है. मेयर ने कहा कि धनबाद में न्यायाधीश मौत मामले में राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई कर सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी, लेकिन महिला थाना मामले में सरकार सीबीआई जांच को लेकर खामोश है. इससे राज्य सरकार की दोहरी मानसिकता परिलक्षित होती है. इसे भी पढ़ें-12वीं">https://lagatar.in/34-thousand-students-of-the-state-failed-in-the-12th-board-students-dissatisfied-with-the-result-gheraoed-the-jac-office/122142/">12वीं
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मेयर ने पूछा कि क्या राज्य की बेटी के साथ जघन्य अपराध होने पर परिजनों को नहीं मिंलेगा न्याय?
आशा लकड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं आदिवासी हैं. फिर भी उनकी मानसिकता आदिवासी विरोधी है. रूपा तिर्की झारखंड की बेटी थी न कि पड़ोसी राज्य की. मेयर ने पूछा कि क्या राज्य की बेटी के साथ कोई व्यक्ति जघन्य अपराध करेगा तो उसके परिजनों को न्याय नहीं मिलेगा? क्या झारखंड की आदिवासी बेटी की अस्मिता के साथ इसी प्रकार खिलवाड़ किया जाता रहेगा? परिजन भी रूपा तिर्की की मौत को आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या बता रहे हैं. सीबीआई से इस मामले की जांच कराने की मांग कर रहे हैं. परंतु सरकार खामोश है.एसआइटी पर उठाया सवाल, कहा, राज्य सरकार की एजेंसी हैं. जैसा चाहेगी उसी दिशा में जांच करेगी.
आशा लकड़ा ने कहा कि सभी जानते हैं कि एसआइटी राज्य सरकार की जांच एजेंसी है. राज्य सरकार जैसा चाहेगी, एसआइटी उसी दिशा में जांच करेगी. कुल मिलाकर राज्य सरकार इस मामले को सही दिशा से भटकाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि रूपा तिर्की की मौत मामले में उनके माता-पिता ने जिन लोगों को नामजद आरोपित बनाया है, उससे अब तक एसआइटी की टीम ने पूछताछ क्यों नहीं की. इसे भी पढ़ें-सोशल">https://lagatar.in/high-court-issues-notice-to-hear-cms-side-in-the-case-filed-regarding-remarks-on-social-media/122130/">सोशलमीडिया पर टिप्पणी को लेकर दर्ज केस में सीएम का पक्ष सुनने के लिये हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया
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