विभागीय लापरवाही की सजा भुगत रहे अल्पसंख्यक छात्र
झारखंड में इन योजनाओं में बड़ी संख्या में छात्र/ छात्राएं छात्रवृत्ति पाने के लिए आवेदन करते हैं. परंतु विभागीय लापरवाही और सरकारी उदासीनता के कारण उनके आवेदन को सत्यापित नहीं किया जाता है. अगर अभिभावक या सामाजिक कार्यकर्ता कुछ पहल करते हैं, तो अंतिम समय में जिला नोडल पदाधिकारी के कार्यालय दुवारा छात्रों के आवेदन में त्रुटि लगाकर रोक दिया जाता है. जिसके कारण अधिकतर छात्र छात्रवृत्ति पाने से वंचित रह जाते हैं. इसे भी पढ़ें –खूंटी">https://lagatar.in/khunti-the-widow-who-sold-the-bones-was-killed-by-hanging/">खूंटी: हड़िया बेचने वाली विधवा की टांगी से मारकर हत्या
केंद्र के लक्ष्य से काम काफी कम छात्रों को मिल पायेगी छात्रवृत्ति
अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र- छात्राओं ने सत्र 2020-21 प्री-मैट्रिक में 142429 फ्रेश और 35573 रिन्यूवल, कुल 178002 छात्रों ने आवेदन दिया. जिसमें 10263 फ्रेश व 3982 रिन्यूवल, कुल 14245 छात्रों को ही छात्रवृत्ति का लाभ मिल पाया. जबकि केंद्र सरकार द्वारा प्री-मैट्रिक में झारखंड के 80925 छात्रों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य रखा गया था. वहीं पोस्ट-मैट्रिक 2020-21 में 22502 फ्रेश व 5450 रिन्यूवल, कुल 27952 छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन दिया, जिसमें 4310 फ्रेश व 1542 रिन्यूवल कुल 5853 छात्रों को ही छात्रवृत्ति का लाभ मिल पाया. वहीं मेरिट-कम- मिन्स 2020-21 की बात करें तो फ्रेश और रिन्यूवल मिलाकर कुल 4379 छात्रों ने आवेदन दिया जिसमें मात्र 229 स्टूडेंट्स के आवेदन को ही सत्यापित किया गया. इसे भी पढ़ें – भाजपा">https://lagatar.in/bjp-chose-sticks-jmm-chose-talks-minister-jagarnath-mahato/">भाजपाने चुनी लाठी, झामुमो ने चुनी बातचीत : मंत्री जगरनाथ महतो
नोडल पदाधिकारी आवेदन में त्रुटि बताकर रोक रहे हैं
अल्पसंख्यक समुदाय की प्रतिभाशाली छात्राओं के लिए चलाई जा रही “बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृति” योजना इस वर्ष सत्र 2021-22 से राज्यों के अधीन संचालित किया गया है. अब छात्राओं के आवेदन को जिला नोडल पदाधिकारी के द्वारा सत्यापित करने के बाद ही छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा. परंतु देखा यह गया है कि अधिकतर जिला नोडल पदाधिकारी के कार्यालय द्वारा छात्राओं के आवेदन को अंतिम समय में त्रुटि बताकर रोक दिया गया. कई छात्राओं के आवेदन को यह कहकर रोक दिया गया कि उसने डोमिसाइल प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया है, जबकि बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल में जारी दिशानिर्देश में कहीं भी डोमिसाइल अपलोड करने का कोई उल्लेख नहीं है. कई ऐसी छात्राएं हैं जिन्होंने अपने सारे कागजात अपलोड किये हैं, उसके बाद भी यह कहकर कि आपने कागजात अपलोड नहीं किया है, उनके आवेदन को डिफ़ेक्टिव में डाल दिया गया है.प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन को डिफेक्टिव में डाल दिया गया है
जिला नोडल पदाधिकारी द्वारा प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक व मेरिट-कम-मिन्स के हजारों छात्रों के आवेदन को इसलिए डिफ़ेक्टिव में डाल दिया गया है कि छात्रों के आवेदन की जांच रिपोर्ट जिला नोडल पदाधिकारी के कार्यालय में नहीं आयी है. सवाल उठता है कि यह किसकी ज़िम्मेदारी थी. समय रहते छात्रों के आवेदन की जांच रिपोर्ट जिला नोडल पदाधिकारी के कार्यालय में जमा कराते ? कौन पदाधिकारी इसके लिए जवाबदेह है. इसे भी पढ़ें – आजसू">https://lagatar.in/ajsu-party-dedicated-to-establish-jharkhandi-ideology-sudesh-mahto/">आजसूपार्टी झारखंडी विचारधारा स्थापित करने को समर्पित : सुदेश महतो
पहल करें सीएम, जिम्मेवार लोगों को मिले सजा
झारखंड के अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों छात्र- छात्राएं जो सत्र 2021-22 में छात्रवृत्ति पाने हेतु आवेदन दिया है. फिर से अपने आप को ठगा महसूस करेंगे, क्योंकि इस बार भी विभागीय लापरवाही और सरकारी उदासीनता के कारण इन छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पायेगा.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व मंत्री हफिजुल हसन से अनुरोध
झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफ़िजुल हसन से अनुरोध है कि झारखंड के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्- छात्राएं जो छात्रवृत्ति पाने की अहर्ता रखते हैं, उनको इसका लाभ मिल पाये. इसकी पहल करें और जो भी पदाधिकारी छात्रों की छात्रवृत्ति पाने में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं, उसकी जांच कराकर उचित कार्यवाई करें. इसे भी पढ़ें – हेमंत">https://lagatar.in/hemant-cabinet-approved-35-proposals-subsidy-will-not-be-available-for-spending-more-than-400-units-know-other-decisions/">हेमंतकैबिनेट में 35 प्रस्तावों पर लगी मुहर, 400 से अधिक यूनिट खर्च करने पर नहीं मिलेगी सब्सिडी, जानें अन्य फैसले [wpse_comments_template]

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