NewDelhi : दूसरा विश्व युद्ध खत्म होने के बाद के हालात में पिछले 40 सालों में चीन ने जो आर्थिक सुधार किये, उससे यह देश सुपरपावर बन गया. भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने यह बात कही. साथ ही स्वामी ने कहा कि इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF),और संयुक्त राष्ट्र (UN) बुनियादी डेटा नहीं देखते. इसी वजह से वे चीन के मामले में लगातार गलत साबित हुए हैं. कहा कि चीन ने उनकी अपेक्षा से कहीं ज्यादा तरक्की कर सारे विश्व को भौचक कर डाला है. चीन आज भी तेजी से अपने पैर पसार रहा है.
Dr Subramanian Swamy on Macro Economic Contrast of India with China – Part II https://t.co/JADbOD9rKH
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 19, 2021
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चीन का विकास भारत की तुलना में बहुत ज्यादा तेजी से हुआ
इस क्रम में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि चीन का विकास भारत की तुलना में बहुत ज्यादा तेजी से हुआ है. कहा कि दूसरा विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद के हालात में भारत और चीन दोनों ही गरीब देशों में शुमार थे. स्वामी के अनुसार एक समय दोनों ही देशों की अर्थ व्यवस्था बेहद धीमी गति से चल रही थी. 1970 के बाद चीन ने बहुत ज्यादा तेजी के साथ अपने देश की गरीबी को कम किया.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि चीन ने अपना बुनियादी ढांचा बहुत तेजी से मजबूत किया. स्वामी केअनुसार 80 के दशक की बात करें तो चीन में भारत की अपेक्षा कहीं ज्यादा गरीबी थी. 1978 में चीन ने अपने आप में सुधार किया और बाजार में आ रहे बदलावों के अनुरूप खुद को तैयार किया, जिससे वह आज महाशक्ति बन चुका है.
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जब नरसिंह राव पीएम थे, तब सुधारों को आत्मसात किया
सुब्रमण्यम स्वामी का मानना है कि भारत ने सुधारों को तब आत्मसात किया, जब नरसिंह राव देश के प्रधानमंत्री थे. स्वामी ने इसे भारत के लिए टर्निंग प्वाइंट करार दिया. 1990 में चीन की जीडीपी पर कैपिटा 348 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जबकि भारत की 364 बिलियन डॉलर थी. 2017 में सीन में बदलाव हुआ. कहा कि लंबे समय तक भारत चीन को कारोबार के मामले में पीछे छोड़ता रहा था, पर अब स्थिति बदल गयी है.
सुब्रमण्यम स्वामी के अनुसार आज चीन हर मामले में भारत से मीलों आगे है. हमारी सरकारें केवल बातें करती हैं, जबकि चीन हर क्षेत्र में प्रभावी कदम उठाकर लक्ष्य को हासिल करता है. यह बुनियादी अंतर ही चीन और भारत को एक दूसरे से काफी हटकर खड़ा करता है.
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