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दोनों टावर्स में करीब 1000 फ्लैट हैं
दोनों इमारतें, सेक्टर 93 यानी एक्सप्रेसवे की तरफ हैं. सुपरटेक के एक अधिकारी केअनुसार दोनों टावर्स में करीब 1000 फ्लैट हैं. 633 फ्लैट बुक हुए थे. इसमें से 133 लोग दूसरे प्रोजेक्ट में मूव कर गये. 248 ने पैसा वापस ले लिया, जबकि 252 लोगों का पैसा अभी भी फंसा हुआ है. उन्हें उम्मीद थी कि शायद एक दिन उनका पैसा वापस मिल जाये. सुनवाई के क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक से कहा, एमराल्ड कोर्ट टावर के लिए होम बायर्स की स्वीकृति नहीं ली गयी थी. साथ ही SC ने सुपरटेक कंपनी को दो माह के भीतर बायर्स को रिफंड देने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने ट्विन टावर को तीन महीने में ध्वस्त करने का आदेश दिया है. इसे भी पढ़ें : जमीयत">https://lagatar.in/jamiat-ulema-e-hinds-advice-to-non-muslims-protect-daughters-from-immorality-do-not-teach-in-co-education/">जमीयतउलेमा-ए-हिंद की गैर-मुस्लिमों को सलाह, बेटियों को अनैतिकता से बचायें, को-एजुकेशन में न पढ़ायें
बायर्स को दो महीने के भीतर उनके पैसे रिफंड करने का आदेश
इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को कहा कि वह बायर्स को दो महीने के भीतर उसके पैसे रिफंड करे और 12 फीसदी ब्याज का भी भुगतान करे. सुपरटेक से आरडब्ल्यूए को 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने को भी कहा गया है. जान लें कि टावर के खिलाफ आरडब्ल्यूए ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमराल्ड कोर्ट टावर के लिए तमाम फायर सेफ्टी नॉर्म्स और यूपी अपार्टमेंट एक्ट का उल्लंघन हुआ था. कंस्ट्रक्शन के लिए सुपरटेक के साथ नोएडा अथॉरिटी ने अवैध साठगांठ की थी और टावर बनाया गया. सुनवाई के क्रम में नोएडा अथॉरिटी ने कहा था कि प्रोजेक्ट को नियम के तहत मंजूरी दी गयी थी. दलील दी थी कि प्रोजेक्ट में किसी भी ग्रीन एरिया और ओपन स्पेस समेत किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है. लेकिन फ्लैट बायर्स द्वारा दलील दी गयी कि बिल्डर ग्रीन एरिया को नहीं बदल सकता है. इसे भी पढ़ें : पूर्व">https://lagatar.in/question-on-nomination-of-former-cji-ranjan-gogoi-to-rajya-sabha-challenge-given-in-sc/">पूर्वCJI रंजन गोगोई के राज्यसभा में मनोनयन पर सवाल, SC में दी गयी चुनौती, किस आधार पर हुआ चयन? [wpse_comments_template]
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