निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा, विजय माल्या हो या नीरव मोदी और मेहुल चोकसी, सब आ रहे हैं भारत
आरोपी जमानत देने पर शिकायतकर्ता को तुरंत सूचित किया जा जाये
SC ने कहा कि जहां भी जमानत दी जाती है, शिकायतकर्ता को तुरंत सूचित किया जा जाये कि आरोपी को जमानत दे दी गयी है. जमानत शर्तों में महिलाओं और समाज में उनके स्थान को लेकर रुढ़िवाद या पितृसत्तात्मक धारणाओं से परे हटकर निर्देश होने चाहिए. सीआरपीसी की आवश्यकताओं के अनुसार कड़ाई होनी चाहिए. इसे भी पढ़ें : सुनंदा">https://lagatar.in/in-sunanda-pushkar-death-case-shashi-tharoors-request-court-to-acquitte-him-hearing-again-on-23-march/39348/">सुनंदापुष्कर मौत मामले में शशि थरूर की अदालत से बरी करने की गुहार, 23 मार्च को फिर सुनवाई
अदालतों को न्यायक्षेत्र या अधिकारों की मर्यादा की जानकारी होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायालयों को किसी मामले की सुनवाई करते समय, अभियोजन पक्ष और अभियुक्तों के बीच शादी करने के लिए किसी भी धारणा (या किसी भी कदम को प्रोत्साहित) का सुझाव या सुनवाई नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह उनकी शक्तियों और अधिकार क्षेत्र से परे है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट अपनी तरफ से मेल मिलाप या समझौता करने की शर्त, सुझाव न दें. कहा कि अदालतों को अपने न्यायक्षेत्र या अधिकारों की मर्यादा की जानकारी होनी चाहिए. उस लक्ष्मण रेखा से बाहर ना जायें. संवेदनशीलता हर कदम पर दिखनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत दी कि जिरह, बहस, आदेश और फैसले में हर जगह पीड़ा का अहसास कोर्ट को भी रहना चाहिए. खास कर जज अपनी बात रखते समय ज्यादा सावधान, संवेदनशील रहें, ताकि पीड़ित का आत्मविश्वास न डगमगाये और न ही कोर्ट की निष्पक्षता पर कोई असर पड़े. इसे भी पढ़ें : प्रताप">https://lagatar.in/arvind-subramaniam-also-resigns-from-ashoka-university-after-pratap-bhanu-mehta/39333/">प्रतापभानु मेहता के बाद अरविंद सुब्रमण्यम का भी अशोका यूनिवर्सिटी से इस्तीफा
Leave a Comment