New Delhi : सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी ने गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा वाइल्डलाइफ़ रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर की जांच शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार गुरुवार, 4 सितंबर को एसआईटी ने वनतारा का दौरा किया.
एसआईटी आज शनिवार तक जांच पूरा कर लेगी. वनतारा सेंटर मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी का है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज जस्टिस जे चेलमेश्वर ने नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया था. दरअसल जुलाई में कोल्हापुर के एक मंदिर से महादेवी (हथिनी) को वनतारा में स्थानांतरित किया गया था.
इस पर महाराष्ट्र में बवाल मच गया था. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने पर कोर्ट ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच (जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस पी.बी. वराले) ने 28 अगस्त को दो जनहित याचिकाओं को सिन कर एसआईटी गठित करने का आदेश सुनाया था.
एसआईटी में जस्टिस चेलमेश्वर के अलावा, इस एसआईटी में उत्तराखंड और तेलंगाना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राघवेंद्र चौहान, मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर हेमंत नगराले और कस्टम्स के अतिरिक्त आयुक्त अनीश गुप्ता को शामिल किया गया था.
हालांकि पीठ ने यह बात साफ कर दी थी याचिकाओं में लगाये गये आरोपों पर उसकी कोई राय नहीं है. यह नहीं समझा जाये कि हम किसी वैधानिक संस्था या निजी पक्ष (वनतारा) के कामकाज पर कोई संदेह जता रहे है.
सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी से कहा है कि वह लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़े कन्वेंशन (कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज़) और आयात-निर्यात कानूनों के पालन किये जाने को लेकर जांच करे.
एसआईटी पशुपालन के मानक, पशु चिकित्सा देखभाल, पशु कल्याण के नियम पर सही तरीके से अमल किये जाने को भी जांच के दायरे में रख रही है.
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