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ASER रिपोर्ट से खुलासा: कक्षा 2 की किताब भी सही से पढ़ नहीं पाते 8वीं के छात्र, अधिकारी हुए रेस

Ranchi: रांची के गांव-देहात वाले सरकारी स्कूलों में बच्चे जैसे-तैसे पढ़ तो रहे हैं, लेकिन असल में पढ़ाई का हाल अच्छा नहीं है. ASER (Annual Status of Education Report) रिपोर्ट 2022 में बताया गया था कि क्लास 5 से 8 के सिर्फ 59.6% बच्चे ही क्लास 2 की किताब सही से पढ़ पा रहे थे और सिर्फ 35.1% बच्चे ही सही से भाग (डिविजन) कर पा रहे थे. 2024 में हल्का सुधार तो हुआ, लेकिन हालात अब भी चिंताजनक ही हैं. क्योंकि अब 62.5% बच्चे ही क्लास 2 की किताब पढ़ पाते हैं और 37.7% ही डिविजन कर पाते हैं.


इस रिपोर्ट को देखने के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज ने साफ कहा कि अब बच्चों की पढ़ाई सुधारना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री के कहने पर पढ़ो और बढ़ो नाम का एक खास अभियान शुरू किया गया है.

 

इस योजना का मकसद है – कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की हिंदी और अंग्रेजी की पढ़ाई को आसान और मजेदार बनाना. इसके लिए तीन स्टेप में काम होगा – 1. शिक्षक पढ़ाएंगे, 2. फिर गाइड करेंगे, 3. और बच्चे खुद से पढ़ेंगे.


जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज ने बताया कि ये सिर्फ कागज पर नहीं रहेगा, बल्कि हर सरकारी स्कूल में इसे सख्ती से लागू किया जाएगा. स्कूलों में रोजाना कम से कम 30 मिनट का पढ़ो और बढ़ो टाइम रखा जाएगा. बच्चों को धीरे-धीरे समझाकर पढ़ाया जाएगा और पढ़ने में दिलचस्पी भी बढ़ाई जाएगी.

 

इस अभियान के तहत ये होंगे काम

 

बच्चों को उनके लेवल के हिसाब से पढ़ाया जाएगा.

टीचर उन्हें पढ़ने के लिए मोटिवेट करेंगे.

कमजोर बच्चों को अलग से मदद दी जाएगी.

कहानियां, शब्द खोज, सवाल-जवाब जैसे मजेदार एक्टिविटी भी कराई जाएंगी.


बादल राज का कहना है कि 2026 की रिपोर्ट में ये आंकड़े बहुत बेहतर होंगे. उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट है कि कम से कम 80% बच्चे खुद से किताब पढ़ पाएं और गणित कर पाएं. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है और खुद जिला शिक्षा कार्यालय से इसकी निगरानी की जाएगी.
वहीं DC रांची मंजूनाथ भजन्त्री ने भी इस मिशन पर खुद नजर बनाकर रखी है और सभी अधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि पढ़ाई सुधारने में कोई कोताही न हो.